Advertisment

बकाया बिजली बिलों की वसूली में इजाफा, पावर कारपोरेशन कमी का हवाला देकर कर रहा निजीकरण

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के मुताबिक, 2020-21 से लेकर 2023-24 तक ऑडिट बैलेंस शीट के आधार पर बकाया वसूली बढ़ रही है। पावर कारपोरेशन बकाया वूसली में कमी से होने वाले घाटे के आधार पर निजीकरण कर रहा है।

author-image
Deepak Yadav
electricity privatisation up

बकाया बिजली बिल की वसूली में इजाफा, फिर निजीकरण क्यों? Photograph: (YBN)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी पावर कारपोरेशन (UP Power Corporation) बकाया बिजली बिलों की वूसली में कमी से होने वाले घाटे के आधार पर पूर्वांचल और दक्षिणांचल​ विद्युत निगम लिमिटेड (PuVVNL-DVVNL Privatisation) का निजीकरण कर रहा है। जबकि हकीकत बिल्कुल उलट है। बीते चार सालों में बकाया वसूली में बढ़ोत्तरी हुई है। उपभोक्ता परिषद ने यह खुलासा करते हुए कहा कि पावर कारपोरेशन ने वसूली में गिरावट का हवाला देकर एआरआर में बिजली कंपनियों का वार्षिक घाटा 10200 करोड़ रुपये दिखाया। फिर इसे बढ़ाकर 19644 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे की रिपोर्ट नियामक अयोग में दाखिल की। इसी आधार पर बिजली दरें 30 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव रखा।

वसूली में बढ़ोत्तरी के बावजूद निजीकरण

परिषद के मुताबिक, नियामक आयोग ने यूपीपीसीएल से बहुवर्षीय टैरिफ वितरण विनियमन 2025 के तहत 2020-21 से लेकर 2025-26 तक की बकाया वसूली की रिपोर्ट तलब की थी। इस पर बिजली कंपनियों के तरफ से नियामक आयोग में यह जवाब दाखिल किया गया कि 2020-21 से लेकर 2023-24 तक ऑडिट बैलेंस शीट के आधार पर बकाया वसूली बढ़ रही है। उपभोक्ता परिषद ने कहा कि बिजली कंपनियों को निजी हाथों में देने के लिए पावर कारपोरेशन एक नरेटिव सेट कर रहा है। सही मायने में सभी पैरामीटर में लगातार सुधार हो रहा है। इसमें थोड़ा समय जरूर लगेगा, लेकिन इसके अच्छे परिणाम सामने आएंगे।

निजीकरण पर ​तत्काल लगे रोक 

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि अगर पावर कारपोरेशन को लग रहा है कि वर्ष 2024-25 और 2025-26 में बकाया वसूली में कमी आएगी तो इसके लिए यूपीपीसीएल प्रबंधन और खासतौर पर सबसे ज्यादा जिम्मेदार निदेशक वित्त हैं। ऐसे में सभी के खिलाफ उच्च स्तरीय कार्रवाई की जानी चाहिए। वर्मा ने मांग की कि बकाया वसूली में सुधार के सारे आंकड़े सार्वजनिक कर निजीकरण की प्रकिया पर तत्काल रोक लगाई जाए।

दोनों डिस्कॉम की वसूली

वित्तीय वर्ष             पूर्वांचल               दक्षिणांचल
2020-21              85.14 %              92.86%
2021-22              74.37 %              92.75%
2022-23              88.36 %              96.87%
2023-24              104.03%             98.09%

Advertisment

यह भी पढ़ें- नगर निगम सदन का विशेष अधिवेशन 26 जून को, चुने जायेंगे 6 नए सदस्य

यह भी पढ़ें- अंसल ने बेच दी सरकारी जमीन, Nagar Nigam ने हटाये कब्जे

यह भी पढ़ें- दो स्मारक कर्मियों की हीट स्ट्रोक से मौत, परिवार में मचा कोहराम

यह भी पढ़ें- पहलगाम आतंकी हमले पर विवादित बयान : रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ लखनऊ CJM कोर्ट में मुकदमा दर्ज

Advertisment
Advertisment