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बिजली कनेक्शन का रेट बढ़ाने का आदेश होगा वापस Photograph: (Google)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। दीपावली से पहले बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है। नए बिजली कनेक्शन पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर की एवज में 6016 रुपये की वसूली पर उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने पावर कॉरपोरेशन को कटघरे में खड़ा किया है। आयोग ने कड़ा रुख अपनाते हुए कास्ट डाटा बुक के विपरीत वसूली पर कारपोरेशन को 15 दिन में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। इस सख्ती के बाद माना जा रहा है कि नए बिजली कनेक्शन की दरों में छह गुना बढ़ोत्तरी का आदेश वापस लिए समेत उपभोक्ताओं को वसूली गई अतिरिक्त रकम लौटाई जाएगी।
आयोग की अनुमति के बिना बढ़ाए कनेक्शन के दाम
पावर कॉरपोरेशन ने पहले पुराने स्मार्ट प्रीपेड मीटर की कीमत को आधार बनाकर स्मार्ट प्रीपेड मीटर की कीमत खुद ही तय कर दी। इसके बाद बिना नियामक आयोग के अनुमति के पूरे प्रदेश में नए बिजली कनेक्शन पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर अनिवार्य करके एक किलोवाट का कनेक्शन 1032 से सीधे 6400 रुपये तक कर दिया। जबकि केंद्र सरकार के निर्देश पर आरडीएसएस योजना के तहत प्रीपेड मीटर फ्री में लगने वाले थे।
15 दिन में जवाब दाखिल करने का आदेश
इस मामले में राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में पावर कारपोरेशन के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी। आयोग ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए कहा कि पावर कारपोरेशन ने कॉस्ट डाटा बुक का उल्लंघन किया है। यूपीपीसीएल के प्रबंध निदेशक से पूछा कि आदेश की अवहेलना के लिए क्यों न अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए। आयोग ने पावर कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक को 15 दिन में स्पष्टीकरण दाखिल करने का आदेश दिया है। आदेश की प्रति पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष को भी भेजी गई है।
उपभोक्ताओं से 41 करोड़ रुपये की वसूली
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवशेष कुमार वर्मा ने कहा कि पावर कारपोरेशन ने नौ सितंबर को आदेश जारी किया। इसके अगले दिन से 18 अक्टूबर तक झटपट पोर्टल पर कुल 69,219 बिजली कनेक्शन जारी किए गए। इसके लिए उपभोक्ताओं से 41 करोड़ रुपये की वसूली की गई। आयोग के आदेश का उल्लंघन साबित होने पर पावर कारपोरेशन पर अधिकतम एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
उपभोक्ताओं से वसूली गई अतिरिक्त राशि होगी वापस
वर्मा ने कहा कि पावर कारपोरेशन को नए कनेक्शन के दाम छह गुना बढ़ोत्तरी और अभी तक वसूली गई अतिरिक्त रकम उपभोक्ताओं को लौटानी होगी। उन्होंने कहा कि विद्युत अधिनियम की धारा 47(5) के तहत उपभोक्ताओं को पोस्टपेड और प्रीपेड का विकल्प चुनने का अधिकार और बिना सहमति के लगाए गए स्मार्ट प्रीपेड मीटर की लड़ाई जारी रहेगी।
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