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यूपी में पकड़ी जा रही हैं नारकोटिक्स दवाएं।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश से नशे में इस्तेमाल होने वाली नारकोटिक्स दवाएं नेपाल और बांग्लादेश तक भेजे जाने के पुख्ता सबूत सामने आए हैं। जांच में पता चला है कि लखनऊ से इन दवाओं की सप्लाई लखीमपुर खीरी के रास्ते अंतरराष्ट्रीय सीमाओं तक की जा रही थी। हाल ही में लखीमपुर खीरी में दवा कारोबारी सरोज कुमार मिश्रा के घर से करीब 69.87 लाख रुपये की बिना लाइसेंस नारकोटिक दवाएं बरामद की गईं। एफएसडीए (खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग) की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि इन दवाओं की आपूर्ति लखनऊ की एजेंसियों से की जा रही थी।
अल्प्राजोलम टैबलेट्स का भारी जखीरा मिला
मामला उस समय गंभीर हुआ जब इधिका लाइफ साइंस और आर्पिक फार्मास्युटिकल के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित गोदामों पर छापेमारी के दौरान कोडीन सिरप, ट्रामाडॉल और अल्प्राजोलम टैबलेट्स का भारी जखीरा मिला। दस्तावेजों में करोड़ों की दवाएं केवल लखीमपुर खीरी की फर्मों को भेजी गई दिखीं। जांच के आधार पर छापेमारी करते हुए एफएसडीए टीम ने गोला गोकर्णनाथ थाना क्षेत्र में कार्रवाई की, जहां से प्रतिबंधित दवाएं बरामद हुईं।
अब एफएसडीए की जांच राज्यभर में फैलाई जा रही
इस दौरान पीयूष मेडिकल एजेंसी पर छापेमारी के वक्त टीम पर हमला भी हुआ। आरोपी आयुष उर्फ नितिन और उसके साथियों ने विभागीय अधिकारियों के मोबाइल फोन छीन लिए। इस मामले में औषधि निरीक्षक बबीता रानी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कराया गया है।अब एफएसडीए की जांच राज्यभर में फैलाई जा रही है। रायबरेली, वाराणसी, कानपुर, सीतापुर, जौनपुर, लखनऊ और गाजियाबाद सहित कई जिलों की मेडिकल एजेंसियों जैसे अजय फार्मा, विंध्यवासिनी फार्मा, मां दुर्गा मेडिको, श्री श्याम फार्मा, नोवान लाइफ साइंस के नाम भी सामने आए हैं, जिन पर बड़ी मात्रा में कोडीनयुक्त सिरप की आपूर्ति दर्ज है।
लखनऊ से मिले साक्ष्यों के आधार पर जांच पूरे प्रदेश में जारी
एफएसडीए आयुक्त डा. रौशन जैकब ने बताया कि लखनऊ से मिले साक्ष्यों के आधार पर जांच पूरे प्रदेश में जारी है। शुरुआती रिपोर्टों में यह संकेत मिले हैं कि यह नेटवर्क अंतरराज्यीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय है, जो नेपाल और असम के रास्ते बांग्लादेश तक दवाएं भेज रहा था। राज्यभर से अब तक 913 कफ सिरप नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं, जिनमें से 63 की रिपोर्ट संतोषजनक पाई गई है, जबकि शेष की जांच अभी जारी है।इस अभियान में एफएसडीए और नारकोटिक्स ब्यूरो मिलकर दवा आपूर्ति श्रृंखला, लाइसेंस और कोटा का सत्यापन कर रहे हैं।
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