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बघेल ताल को इको पर्यटन हब के रूप में विकसित करेगा यूपी पर्यटन विभाग : जयवीर सिंह

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि बघेल ताल उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े वेटलैंड्स में से एक है। इस परियोजना के माध्यम से झील के इको सिस्टम को संरक्षित रखने के साथ-साथ पर्यटन की आधुनिक सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।

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Abhishek Mishra
Baghel Tal will be developed as eco tourism

इको टूरिज्म के रूप में विकसित होगा बघेल ताल

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लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम(यूपीऐसटीडीसी)ने बहराइच जनपद स्थित बघेल ताल (बघेल झील) को इको पर्यटन के रूप में विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। यह आर्द्रभूमि (वेटलैंड) बहराइच-गोंडा मार्ग पर पयागपुर के दक्षिणी छोर के पास स्थित है। बघेल ताल अपनी प्राकृतिक जैव विविधता के लिए विख्यात है। अब इसे पर्यावरणीय संतुलन और पर्यटन की दृष्टि से पुनर्जीवित किया जाएगा। इस परियोजना पर लगभग 02.20 करोड़ रुपए की लागत आएगी। 

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इको टूरिज्म के रूप में विकसित होगा बघेल ताल

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि बघेल ताल उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े वेटलैंड्स में से एक है। इस परियोजना के माध्यम से झील के पारिस्थितिकी तंत्र (इको सिस्टम) को संरक्षित रखने के साथ-साथ पर्यटन की आधुनिक सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। यह प्रयास पर्यावरण संरक्षण और इको टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

प्रवासी पक्षियों की होगी वापसी

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पर्यटन मंत्री ने बताया कि तकरीबन 51 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला बघेल ताल कभी प्रवासी पक्षियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र था। लेकिन, बीते वर्षों में उपेक्षा और अतिक्रमण के चलते इसका प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यटन महत्व कम हो गया। यह परियोजना झील की पुरानी पहचान लौटाने और इसे एक समृद्ध पर्यटन स्थल बनाने की दिशा में अहम कदम है।

बघेल ताल को मिलेगा नया जीवन, बढ़ेगा पर्यटन

जयवीर सिंह ने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत मुख्य प्रवेश द्वार का निर्माण, स्थानीय पक्षी प्रजातियों की जानकारी देने वाले बोर्डों की स्थापना, पर्यटकों के लिए आधारभूत सुविधाओं का विकास और झील की सफाई जैसे कार्य किए जा रहे हैं। इन प्रयासों का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता के प्रति जन जागरूकता बढ़ाना और पर्यावरण के अनुकूल सतत पर्यटन को प्रोत्साहित करना है। परियोजना से न केवल पर्यावरणीय संतुलन को बल मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों को भी रोजगार और आर्थिक लाभ मिलने की संभावना है।

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पर्यावरण व पर्यटन का मिलेगा समन्वित लाभ

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि यह झील न केवल एक प्रमुख जल निकाय है, बल्कि प्रदेश की समृद्ध प्राकृतिक धरोहर का प्रतीक भी है। पर्यटन विभाग इको टूरिज्म को बढ़ावा देते हुए बघेल ताल के पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ इसे पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों के लिए विकसित करने के प्रति प्रतिबद्ध है।

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