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सहारनपुर में जम्मू-कश्मीर पुलिस की कार्रवाई, आतंकी संगठन से जुड़े डॉक्टर के घर और हॉस्पिटल में छापेमारी

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद से संबंधों के आरोप में गिरफ्तार डॉ. अदील अहमद के सहारनपुर स्थित ठिकानों की तलाशी ली। पुलिस ने उसके बैंक खातों, तनख्वाह लेनदेन और हॉस्पिटल नेटवर्क की जांच की।

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Shishir Patel
Saharanpur

सहारनपुर पहुंची जम्मू कश्मीर की पुलिस, अस्पताल में डा. अदील अहमद के बारे में लेती जानकारी।

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।  आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से कनेक्शन के मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम सोमवार को यूपी के सहारनपुर पहुंची और डॉक्टर अदील अहमद से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की। टीम ने थाना कुतुबशेर क्षेत्र के मानकमऊ में डॉक्टर के किराए के मकान की तलाशी ली और फेमस मेडिकेयर हॉस्पिटल में उसके नेटवर्क की जांच की।

वेतन अपने भाई के खाते में ट्रांसफर करवाता था अदील 

जांच में सामने आया कि डॉ. अदील अपनी तनख्वाह कभी-कभी अपने भाई के बैंक खाते में भी ट्रांसफर करवाता था। वह करीब तीन साल से सहारनपुर में रह रहा था और वी-ब्रॉस व फेमस मेडिकेयर हॉस्पिटल में फिजिशियन के रूप में कार्यरत था।सूत्रों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डॉ. अदील को जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। वह अनंतनाग का निवासी है और लंबे समय से पुलिस की निगरानी में था। गिरफ्तारी के बाद उसकी निशानदेही पर जम्मू-कश्मीर व फरीदाबाद में भी छापे मारे गए।

केवल चुनिंदा स्टाफ को ही दिया था शादी कार्ड 

स्थानीय पुलिस के अनुसार डॉ. अदील का अंबाला रोड स्थित एक्सिस बैंक में खाता था, जिसमें उसकी मासिक तनख्वाह करीब पांच लाख रुपये जमा होती थी। कई बार उसने यह रकम अपने भाई के खाते में ट्रांसफर की थी।इस कार्रवाई के बाद हॉस्पिटल प्रशासन ने डॉ. अदील और उसके सहयोगी डॉ. बाबर की नेम प्लेट हटवा दी है। डॉ. अदील ने हाल ही में 4 अक्टूबर 2025 को जम्मू-कश्मीर में शादी की थी और 26 सितंबर को छुट्टी पर गया था। बताया जा रहा है कि उसने केवल चुनिंदा स्टाफ को शादी का कार्ड दिया था, जिनमें डॉक्टर बाबर भी शामिल थे।

जब तक क्लीनचिट नहीं मिल जाती तब तक सेवाएं रहेंगी निलंबित 

हॉस्पिटल प्रबंधक मनोज मिश्रा ने पुलिस को बताया कि डॉ. अदील के खिलाफ किसी भी प्रकार की पृष्ठभूमि जानकारी पहले नहीं थी। वह व्यवहार में शांत और पेशेवर था। जनवरी में पद रिक्त होने पर हमने मार्च में उसे नियुक्त किया था। लेकिन अब सेवा समाप्त कर दी गई है।प्रबंधक ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक डॉ. बाबर को पुलिस-प्रशासन की तरफ से क्लीनचिट नहीं मिल जाती, उनकी सेवाएं निलंबित रहेंगी।

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