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राेते परिजन, आरव की फाइल फोटो।
कानपुर, वाईबीएन संवाददाता।यूपी के कानपुर में कोहना थाना क्षेत्र के रानीघाट स्थित पुराना कानपुर मोहल्ले में सोमवार शाम दवा कारोबारी आलोक मिश्रा के 16 वर्षीय बेटे आरव मिश्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आरव द जैन इंटरनेशनल स्कूल में 11वीं का मेधावी छात्र था और राज्य स्तरीय तैराक भी रह चुका था।घटना के समय घर में उसकी दादी नीलम मिश्रा मौजूद थीं। उन्होंने कमरे का दरवाजा बंद देख कई बार आवाज दी, लेकिन जब कोई जवाब नहीं मिला तो पड़ोसी की मदद से दरवाजा तोड़ा गया। अंदर आरव का शव पंखे से लटका मिला था। घटना के बाद से मिश्रा परिवार में मातम और पूरे क्षेत्र में सन्नाटा पसरा है।जानकारी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा रिश्ते में आरव के पिता दवा कारोबारी आलोक मिश्रा के मामा लगते हैं।
मोबाइल में मिला रहस्यमय नोट
फॉरेंसिक टीम को छात्र की जेब से एक पर्ची मिली, जिस पर लिखा था Note for mobile टीम ने जब आरव का मोबाइल खंगाला तो उसमें एक नोटपैड फाइल खुली, जिसमें अंग्रेजी में लिखा था चार चेहरे दिखते हैं जो कहते हैं कि खुद को खत्म कर दो या मां-बाप और बहन को मार दो। इस नोट ने पुलिस और परिवार दोनों को स्तब्ध कर दिया। पुलिस इस रहस्यमय संदेश की तकनीकी जांच कर रही है कि यह मानसिक भ्रम का परिणाम था या किसी बाहरी हस्तक्षेप का असर। पुलिस का कहना है कि अब तक की जांच में किसी तरह की साजिश के प्रमाण नहीं मिले हैं, लेकिन फॉरेंसिक टीम मोबाइल डाटा की गहनता से जांच कर रही है।
मानसिक तनाव में था आरव, गूगल पर 60 बार सर्च की थी बीमारी
जांच में यह खुलासा हुआ है कि आरव पिछले करीब एक वर्ष से सीजोफ्रेनिया (Schizophrenia) जैसे मानसिक विकार से जूझ रहा था। वह अक्सर इंटरनेट पर अपनी तकलीफों से जुड़ी जानकारियां खोजता रहता था। पुलिस के अनुसार, उसने अपने मोबाइल से 60 से अधिक बार डरावनी आवाजें सुनाई देना, भ्रम और मानसिक बीमारी के लक्षण जैसे शब्द सर्च किए थे। परिजनों को इसकी कोई जानकारी नहीं थी। दीपावली के दिन आरव ने अपनी बड़ी बहन मान्या को बताया था कि उसे चेहरे दिखते हैं और अजीब आवाजें सुनाई देती हैं। बहन ने घर में छठ पूजा की तैयारी को देखते हुए यह बात माता-पिता को नहीं बताई। इसके बाद सोमवार को जब माता-पिता पूजा के लिए भागलपुर गए हुए थे और बहन कोचिंग पर थी, तभी आरव ने फांसी लगा ली।
पोस्टमार्टम के बाद मातम में डूबा परिवार
पोस्टमार्टम के बाद जब आरव का शव घर लाया गया तो मां दिव्या और बहन मान्या का रो-रोकर बुरा हाल था। मां बार-बार बिलखते हुए कहती रहीं हम क्यों चले गए थे तुम्हें अकेला छोड़कर लौट आओ बेटे।पिता आलोक मिश्रा बेसुध से बैठे रहे। रिश्तेदार और पड़ोसी परिवार को सांत्वना देते रहे। इलाके में मातम पसरा हुआ है। वहीं इस पूरे मामले में पुलिस का कहना है कि परिजनों ने किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया है। प्रथम दृष्टया मामला मानसिक बीमारी के चलते आत्महत्या का प्रतीत होता है। फॉरेंसिक टीम मोबाइल और नोट की गहन जांच कर रही है।
विशेषज्ञ बोले , शुरुआती लक्षण पहचानना जरूरी
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभागाध्यक्ष डॉ. धनंजय चौधरी के अनुसार, सीजोफ्रेनिया में व्यक्ति को काल्पनिक आवाजें सुनाई देती हैं जो उसे आदेश देती हैं। कई बार यह आवाजें आत्महत्या या दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए उकसाती हैं। यह मस्तिष्क में डोपामीन न्यूरोकेमिकल के असंतुलन से होता है। उन्होंने कहा कि ऐसे रोगी शुरुआत में चुप रहने लगते हैं, लोगों से दूरी बनाने लगते हैं और अजीब तरह से बुदबुदाने लगते हैं। परिवार को ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत मनोचिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
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