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कानपुर सीएमओ-डीएम विवाद: मैं दलित हूं, मेरी सुनवाई नहीं हुई

निलंबित सीएमओ ने कहा, मैं दलित हूं, मेरी सुनवाई नहीं हुई। डीएम पर सीबीआई चार्जशीटेड फर्म जेएम फार्मा को 1.60 करोड़ रुपये का भुगतान कराने के लिए दबाव बनाने का आरोप भी लगाया।

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Anupam Singh
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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में बड़ा उलटफेर हुआ जब कानपुर के मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ. हरिदत्त नेमी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। यह कार्रवाई कानपुर के जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह से लंबे समय से चल रहे टकराव के बाद हुई। डॉ. नेमी ने डीएम पर उत्पीड़न, भ्रष्टाचार में शामिल करने के लिए दबाव और जातिसूचक टिप्पणियों के गंभीर आरोप लगाए और कहा कि शासन को पत्र लिखते हुए कहा कि मैं दलित हूं, मेरी सुनवाई नहीं हुई।

क्या है मामला?

अप्रैल 2025 से शुरू हुआ विवाद तब गहराया जब डीएम ने सीएमओ के विरुद्ध स्वास्थ्य विभाग में अनियमितताओं और अनुपस्थित रहने की शिकायत शासन को भेजी। डीएम के अनुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत की जा रही नियुक्तियों में के चयन में गड़बड़ियां, वित्तीय अनियमितताएं और वरिष्ठ अधिकारियों की अनदेखी की गई है। डीएम की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि सीएमओ ने जिला स्वास्थ्य समिति के निर्णयों की अनदेखी की और चयन परिणाम जानबूझकर विलंबित किए।

सीएमओ का पलटवार, डीएम ने चार्जशीटेड फर्म जेएम फार्मा को 1.60 करोड़ रुपये के भुगतान का दबाव बनाया

निलंबन के बाद पत्रकार वार्ता करते हुए डॉ. हरिदत्त नेमी ने दावा किया कि उन्होंने भ्रष्टाचार का विरोध किया। डीएम की अवैध मांगें नहीं मानीं। इसलिए मुझे टारगेट किया गया। मैं दलित हूं, मेरी सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने डीएम पर सीबीआई चार्जशीटेड फर्म जेएम फार्मा को 1.60 करोड़ रुपये का भुगतान कराने के लिए दबाव बनाने का आरोप भी लगाया। डॉ. नेमी का आरोप है कि डीएम ने उन्हें कई बैठकों में सार्वजनिक रूप से अपमानित किया और मानसिक उत्पीड़न किया, जिससे उनका वजन 10 किलो तक कम हो गया।

ऑडियो लीक और AI का दावा

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जून में कुछ ऑडियो सामने आए जिसमें डॉ. नेमी डीएम के खिलाफ टिप्पणी करते सुनाई दिए। सीएमओ का दावा है कि ये ऑडियो AI द्वारा बनाए गए नकली ऑडियो हैं। इस दावे को आधार बनाकर डीएम ने उन्हें सीएम डैशबोर्ड की बैठक से बाहर निकाल दिया।

डीएम-सीएमओ विवाद में विधानसभा अध्यक्ष से लेकर कूदे कई विधायक

यह मामला सिर्फ प्रशासनिक न रहकर अब राजनीतिक रंग भी ले चुका है, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, एमएलसी अरुण पाठक और विधायक सुरेंद्र मैथानी ने डॉ. नेमी के समर्थन में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को पत्र लिखा। वहीं विधायक अभिजीत सिंह सांगा और महेश त्रिवेदी ने सीएमओ के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजा।

सरकार की कार्रवाई

शासन ने डॉ. नेमी को उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 के तहत निलंबित किया है। निलंबन अवधि में उन्हें लखनऊ स्थित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशालय से संबद्ध किया गया है। उनकी जगह श्रावस्ती एसीएमओ डॉ. उदयनाथको कानपुर का नया सीएमओ नियुक्त किया गया है।

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