लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी के कानपुर में जिलाधिकारी (डीएम) और मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) में चल रही तनातनी के बीच बृहस्पतिवार को सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। शासन ने सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी को निलंबित कर महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, लखनऊ से संबद्ध कर दिया है। उनकी जगह श्रावस्ती के अपर मुख्य चिकित्साधिकारी उदय नाथ को कानपुर का नया सीएमओ नियुक्ति किया गया है।
रिक्त पदों पर चयन में अनियमितता
सचिव रितु महेश्वरी की ओर से जारी आदेश के अनुसार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत रिक्त पदों पर चयन प्रक्रिया में अनियमितता बरती गई। नियमों को ताक पर रखकर जिला स्वास्थ्य समिति एवं संबंधित अधिकारियों की स्वीकृति के बिना नियुक्ति पत्र जारी किए गए। यह कार्रवाई अधीनस्थ चिकित्सा संवर्ग (अनुशासन एवं अपील) नियमावली-1999 के नियम-4(1) के तहत गई है।
विधानसभा अध्यक्ष की पैरवी नहीं आई काम
हरिदत्त नेमी को कानपुर से ना हटाने की पैरवी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से लेकर भाजपा के कई विधायकों ने डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से की थी। वहीं, जिलाधिकारी ने भी शासन से सीएमओ को हटाने की सिफारिश की थी। इसके अलावा बिठूर विधायक अभितीत सिंह सांगा ने भी मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर सीएमओ डॉ. हरिदत्त पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया था। उन्होंने पत्र में डीएम के खिलाफ ऑडियो वायरल कर माहौल बिगाड़ने और स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार का भी जिक्र किया था।
डीएम ने सीएमओ के दफ्तर पर मारा था छापा
कानुपर के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने इसी साल विगत फरवरी में डॉ. हरि दत्त नेमी के दफ्तर पर छापेमारी की थी। इसमें सीएमओ समेत बड़ी संख्या में अधिकारी बिना सूचना गैरहाजिर थे। कई बार स्वास्थ्य केंद्रों के निरीक्षण में भी डीएम को भारी गड़बड़ियां मिलीं। बीते दिनों सोशल मीडिया पर कुछ ऑडियो रिकॉर्डिंग वायरल हुईं। दावा किया गया कि ये ऑडियो सीएमओ डॉ. नेमी के थे। इनमें डीएम पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई। वहीं सीएमओ ने इन ऑडियो में अपनी आवाज होने से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें बदनाम करने के लिए साजिश की जा रही है। इसके बाद डीएम ने शासन को चिट्ठी लिखकर सीएमओ के तबादले की सिफारिश की थी।
चार्जशीटेड फर्म से खरीद का आरोप
इस बीच एक वीडियो ने माहौल और गर्म कर दिया। वीडियो में सीमएओ डॉ. नेमी ने आरोप लगाया कि जेएम फार्मा नाम की एक कंपनी ने 1.60 करोड़ के माल के एवज में 1.30 करोड़ का माल ही नेशनल अर्बन हेल्थ मिशन में सप्लाई किया। यह फर्म पहले से ही सीबीआई से चार्ज शीटेड है। यह बात कमिश्नर और डीएम को बताई थी। इसके बाद फर्म को जबरन सप्लाई के लिए 15 दिनों का विस्तार दिया गया। फर्म से सप्लाई हुआ सामान की गुणवत्ता सही नहीं थी।