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विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर कार्यक्रम Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) के मनोचिकित्सा विभाग में बुधवार को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें विशेषज्ञों ने मानसिक बीमारी से जूझ रहे मरीजों और उनकी देखभाल करने वालों को आत्महत्या के खतरों और इससे बचाव के उपाय बताए।
मनोचिकित्सक अकेले नहीं रोक सकता आत्महत्या
मनोचिकित्सा विभाग के प्रमुख प्रो विवेक अग्रवाल ने कहा कि केवल मनोचिकित्सक आत्महत्या को रोक नहीं सकता। आत्महत्या की दर को कम करने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी है। उन्होंने कहा कि समय रहते मानसिक बीमारी की पहचान और उचित इलाज से आत्महत्या की घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकता है।
छात्रों ने माइम से दिया संदेश
स्वामी विवेकानंद कॉलेज ऑफ नर्सिंग के स्टूडेंट्स ने माइम (बिना बोले, हाव-भाव और शारीरिक मुद्राओं) के जरिए बताया कि कैसे रोजमर्रा की जिंदगी का तनाव मानसिक समस्याओं का कारण बन सकता है। इसके बाद प्रोफेसर पवन कुमार गुप्ता ने संवादात्मक सत्र (इंटरैक्टिव सेशन) में बताया कि मानसिक बीमारी की शुरुआत के संकेतों को कैसे पहचाना जा सकता है। उन्होंने यह भी समझाया कि समाज, मनोवैज्ञानिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और नर्सों की इसमें क्या भूमिका होती है। वहीं, डॉ. प्रसाद कन्नेकांति ने आत्महत्या रोकने पर एक शॉर्ट फिल्म दिखाई और योग, व्यायाम के जरिए मानसिक तनाव को काम करने पर जोर दिया।
नुक्कड़ नाटक के जरिए किया जागरूक
नैदानिक मनोवैज्ञानिक रवि शंकर ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं में मदद के लिए टेली-मानस टोल फ्री हेल्पलाइन 14416 की जानकारी दी। इसके अलावा परिसर में नुक्कड़ नाटक के जरिए आत्महत्या के प्रमुख कारण, इसे रोकने के तरीकों और उपचार के बारे में मानसिक बीमारी से पीड़ित 150 मरीजों और उनके परिवार के सदस्यों को जागरुक किया गया।
आत्महत्या की दर कम करने को सामूहिक प्रयास जरूरी : KGMU के मनोचिकित्सा विभाग में विशेषज्ञों ने मानसिक बीमारी से पीड़ित मरीजों को उनके परिवार को किया गया जागरूक pic.twitter.com/3Mfpb4Lutt
— Deepak Yadav (@deepakhslko) September 10, 2025
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