लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। लोकबंधु राजनारायण संयुक्त चिकित्सालय में आग लगने की घटना के बाद हुई जांच में कमेटी की ओर से कई सिफारिशें प्रस्तुत की गई हैं। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि सिफारिशों का प्रदेश की सभी चिकित्सा इकाइयों में पालन कराए जाने के लिए प्रमुख सचिव को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।
सभी चिकित्सा इकाइयों में लागू होंगी सिफारिशें
पिछले माह 14 अप्रैल को लोकबंधु राजनारायण संयुक्त चिकित्सालय में आग लग गई थी। ब्रजेश पाठक के निर्देशानुसार महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी ने अपने जांच रिपोर्ट में उक्त चिकित्सालय समेत प्रदेश की सभी चिकित्सा इकाइयों के लिए अग्निशमन के लिए सिफारिशें प्रस्तुत की हैं। सिफारिशों के अनुसार समस्त चिकित्सालयों में फायर फाईटिंग सिस्टम मानकों के अनुरूप स्थापित किए जाएं। भवन से धुआं बाहर निकलने की पर्याप्त व्यवस्था, स्टेयर केस एवं रैम्प पर पॉजिटिव प्रेशराईजेशन और प्राकृतिक वेंटीलेशन होना चाहिए। साथ ही स्टेयर केस एवं रैम्प को चैनल गेट आदि के माध्यम से बंद न किया जाए। सुरक्षित आवागमन के लिए उन्हें अवरोध मुक्त रखा जाए। चिकित्सालय भवनों के ओपेन एरिया को फाईबर सीट, टीन शेड, ग्लाय आदि से कवर न किया जाए। उक्त स्थान को प्राकृतिक वेंटीलेशन से खुला रखा जाए।
फायर मॉक ड्रिल एवं स्टाफ प्रशिक्षण अनिवार्य
उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सिफारिशों के अनुसार चिकित्सालयों में समय-समय पर फायर मॉल ड्रिल कराया जाए, जिसमें समस्त चिकित्सालय स्टाफ को प्रशिक्षण, मरीजों की सकुशल निकासी तथा अग्निशमन व्यवस्था को सम्मिलित किया जाए। समस्त स्टाफ को फायर फाइटिंग की जानकारी तथा उसके उपयोग एवं चलाने का प्रशिक्षण, चिकित्सालय परिसर में एग्जिट साइन बोर्डों की स्थापना एवं केंद्र सरकार एवं अग्निशमन विभाग की गाइडलाइंस का पालन किया जाए। रोगियों एवं तीमारदारों की निवासी, फायर अलार्म, स्मोक हीट डिटेक्टर्स की स्थापना, चिकित्सालयों में समय-समय पर फायर सेफ्टी इग्जिट मॉकड्रिल कराए जाए। सिफारिशों के अनुसार बिजली लाइनों को बिछाने के दौरान सावधानी बरतने, प्रत्येक सर्किट का लोड, बिजली सप्लाई के दो स्त्रोत, केबिल एवं तारों में जोड़ नहीं होना चाहिए।
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