लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी लखनऊ को जल्द ही एक नई पहचान मिलने जा रही है। विज्ञान और तकनीक में रुचि रखने वालों के लिए यह खबर किसी सौगात से कम नहीं है। उत्तर भारत का पहला स्पेस एंड एस्ट्रोनॉमी पार्क अब लखनऊ में बनाया जाएगा। इसके लिए चक गंजरिया में 10 एकड़ जमीन चिन्हित कर अंतिम रूप दे दिया गया है। यह महत्वाकांक्षी परियोजना उत्तर प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद और लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के संयुक्त प्रयास से विकसित की जाएगी।
अंतरिक्ष की दुनिया का जमीन पर अनुभव
इस एस्ट्रोनॉमी पार्क का उद्देश्य अंतरिक्ष और विज्ञान की जानकारी को आम लोगों तक रोचक ढंग से पहुंचाना है। यह पार्क शिक्षा, विज्ञान और पर्यटन का अद्भुत संगम बनेगा, जहां बच्चे, युवा और विज्ञान प्रेमी खगोलशास्त्र की जटिलताओं को सहज तरीके से समझ सकेंगे।
पार्क की प्रमुख विशेषताएं: डिजिटल प्लैनेटेरियम: 360 डिग्री के अत्याधुनिक होम थिएटर में दर्शक चंद्र ग्रहण, सूर्य ग्रहण, आकाशगंगा और तारों की गतिविधियों को 3D मोड में देख सकेंगे।
स्पेस म्यूजियम और रॉकेट गैलरी: जहां भारत के गौरवशाली अंतरिक्ष अभियानों जैसे चंद्रयान और मंगलयान की जानकारी, डिजाइन और मॉडल मौजूद रहेंगे।
टेलिस्कोप ऑब्जर्वेशन डेक: रात में चंद्रमा, बृहस्पति और शनि जैसे ग्रहों और तारों को विशाल टेलिस्कोप से निहारा जा सकेगा।
बच्चों के लिए विज्ञान जोन: जिसमें रॉकेट मॉडलिंग, रोबोटिक्स किट, माइक्रो लैब और विज्ञान से जुड़ी इंटरैक्टिव एक्टिविटीज़ होंगी।
ग्रहों के विशाल मॉडल: जिससे सूर्य से नेपच्यून तक की आभासी यात्रा का अनुभव सजीव रूप में मिलेगा।
प्रशासनिक तैयारी भी तेज
इस महत्वाकांक्षी योजना की रूपरेखा 2 मई को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक की अध्यक्षता में प्रस्तुत की गई थी। इसके बाद 16 मई को निदेशक व सचिव शीलधर सिंह यादव ने जमीन आवंटन और परियोजना को अमल में लाने का आदेश जारी किया।
देश में कहां-कहां हैं खगोल केंद्र?
भारत में पहले से कुछ खगोल विज्ञान केंद्र मौजूद हैं, जैसे लद्दाख का हनले वेधशाला, नैनीताल की एरीज वेधशाला, राजस्थान के माउंट आबू की इन्फ्रारेड वेधशाला और जयपुर का ऐतिहासिक जंतर-मंतर। लेकिन उत्तर भारत में इस स्तर का इंटरैक्टिव एस्ट्रोनॉमी पार्क पहली बार बन रहा है, जो आमजन को खगोल विज्ञान की दुनिया में कदम रखने का एक शानदार अवसर देगा।
लखनऊ की वैज्ञानिक उड़ान
इस पार्क के निर्माण से लखनऊ अब वैज्ञानिक पर्यटन के मानचित्र पर भी उभरेगा। यह न सिर्फ स्कूली छात्रों और विज्ञान प्रेमियों के लिए उपयोगी होगा, बल्कि शहर के विकास की दिशा में भी एक नया अध्याय जोड़ेगा।
संभावना है कि अगले कुछ महीनों में निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा और अगले वर्ष के अंत तक पार्क जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
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