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लखनऊ में धरना देते शिक्षक। Photograph: (सोशल मीडिया)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। प्रदेश में प्राथमिक स्कूलों के विलय को भले ही हाईकोर्ट ने हरी झंडी दे दी हो, लेकिन यह मुददा अभी शांत होता दिखाई नहीं दे रहा है। मंगलवार को प्राथमिक स्कूलों के विलय के विरोध में राजधानी लखनऊ में प्रदेश भर से शिक्षक जुटे। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनत तले जुटे शिक्षकों ने दावा किया कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में इस तरह से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इनमें परिषदीय स्कूलों के शिक्षक भी शामिल हैं। लखनऊ में पड़ रही भीषण गर्मी के बीच विलय के विरोध में जुटे शिक्षकों ने इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाए।
शिक्षक संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष व लखनऊ के जिला अध्यक्ष सुधांशु मोहन ने कहा कि हम अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, प्रदर्शन में मौजूद शिक्षकों ने कहा कि हमारी सुनवाई उस अदालत में न हो, जहां के जज के घर पर बोरों से भरे नोट मिले हों। इन लोगों ने यह भी कहा कि जब आबादी देखकर डीएम, एसपी तैनात नहीं किए जाते तो स्कूलों में बच्चों की संख्या देखकर कैसे शिक्षकों की तैनाती की जा सकती है। विलय को लेकर शिक्षकों ने कहा कि हमारा विरोध जारी रहेगा।
शिक्षकों की आपत्ति
- क्या देश में सभी जगह NEP(नेशनल एजुकेशन पॉलिसी) लागू हो गई है, जो बेसिक के स्कूलों में लागू की जा रही है?
- विद्यालयों के संलयन के समय हेडमास्टर के पद खत्म किए गए, अब सहायक अध्यापकों के पद भी कम हो जाएंगे।
- विलय पर हाईकोर्ट का फैसला सरकार के दबाव में लिया गया फैसला है।
- प्राथमिक स्कूलों के विलय की व्यवस्था अनैतिक है।
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