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लखनऊ पुलिस की मानवता और तत्परता का पेश किया उदाहरण, गुमशुदा बच्ची और भटकी महिला को परिवार से मिलाया

लखनऊ पुलिस ने सोमवार को दो अलग-अलग घटनाओं में संवेदनशील और त्वरित कार्रवाई करते हुए गुडंबा थाना क्षेत्र में 4 वर्षीय गुमशुदा बच्ची और हजरतगंज थाना क्षेत्र में भटकी हुई महिला ममता पांडेय को उनके परिवार से सुरक्षित मिलवाया।

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Shishir Patel
Missing Child Found

गुम बच्ची को खोजकर परिजनों के हवाले करतीं पुलिस।

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी में सोमवार पुलिस की संवेदनशील और त्वरित कार्रवाई की मिसालें देखने को मिलीं। गुडंबा थाना और हजरतगंज थाना की टीमों ने अलग-अलग घटनाओं में गुमशुदा और भटकी हुई लोगों को सुरक्षित उनके परिवार से मिलाकर पुलिस की जिम्मेदारी और मानवीय दृष्टिकोण को उजागर किया।

गुडंबा थाना क्षेत्र में खेलते-खेलते लापता हो गई थी बच्ची 

सिकंदरपुर सेक्टर-H निवासी दिनेश की 4 वर्षीय बेटी खेलते-खेलते अचानक लापता हो गई। सूचना मिलते ही इंस्पेक्टर गुडंबा प्रभातेश श्रीवास्तव की टीम ने खोजबीन शुरू की। सेक्टर-H बीट प्रभारी उपनिरीक्षक राहुल द्विवेदी, उपनिरीक्षक अभिषेक सिंह और कांस्टेबल विनोद यादव ने कुछ ही घंटों में बच्ची को सुरक्षित ढूंढ निकाला और माता-पिता को सौंप दिया। अपनी बेटी को पाकर परिजन भावुक हो उठे और पुलिस का धन्यवाद किया।

हजरतगंज में उत्तराखंड से आयी महिला भटक गई थी रास्ता 

इसी दिन हजरतगंज में पुलिस गश्त के दौरान उत्तराखंड से लखनऊ आई और रास्ता भटक गई महिला ममता पांडेय को इंस्पेक्टर विक्रम सिंह की नजर लगी। महिला को पहले पुलिस देखकर डर लगा, लेकिन दरोगा शिवानी सिंह ने उसे विश्वास दिलाया कि पुलिस उसकी मदद के लिए आई है। इसके बाद दरोगा शिवानी सिंह ने महिला के परिजनों से संपर्क किया और ममता पांडेय को सुरक्षित उनके परिवार से मिलाया। परिजन पुलिस के प्रयासों से बेहद खुश हुए और आभार व्यक्त किया।इन घटनाओं ने स्पष्ट कर दिया कि मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई “मिशन शक्ति” और पुलिस की सतत गश्त न केवल महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है, बल्कि संकट की हर घड़ी में पुलिस जनता के लिए भरोसेमंद सहारा भी बनकर उभर रही है।

रेलवे ट्रैक पर युवक की मौत, हत्या का कोई प्रमाण नहीं मिला

राजधानी के  दुबग्गा थाना क्षेत्र में 15 नवंबर को हुई रेलवे दुर्घटना में एक युवक की मौत के मामले की जांच में पुलिस ने प्रारंभिक निष्कर्ष जारी किया है। घटना के संबंध में कन्हई लाल पुत्र स्व० ननकू लाल, निवासी ग्राम दशहरी ने लिखित तहरीर दी थी। तहरीर में आरोप लगाया गया था कि विपक्षी गणों द्वारा उनके रिश्तेदार सूरज रावत की हत्या कर शव रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया गया और पूर्व से चल रहे मुकदमा वापस लेने की धमकी दी गई।

जांच में सामने आया मृतक युवक पटरी पर बैठा था 

मामला दर्ज कर निरीक्षक दुबग्गा की देखरेख में विवेचना शुरू हुई। जांच के दौरान फील्ड यूनिट के घटनास्थल निरीक्षण, सीसीटीवी फुटेज, लोको पायलट गाड़ी संख्या 54337 के बयान और रेलवे कंट्रोल रूम से प्राप्त जानकारी के आधार पर यह सामने आया कि मृतक युवक ट्रेन की पटरी पर बैठा था। लोको पायलट ने ट्रेन का हार्न बजाया, जिससे युवक पटरी पर लेट गया और ट्रेन की चपेट में आने से उसकी मृत्यु हो गई।

हत्या के नहीं मिले कोई प्रमाण 

जांच में अब तक किसी प्रकार की हत्या या गंभीर अपराध के प्रमाण नहीं मिले हैं। बावजूद इसके पुलिस द्वारा मुकदमे में लगाए गए आरोपों की गहनता से जांच जारी है। विभाग ने मामले में पूर्ण निष्पक्षता के साथ सभी आवश्यक साक्ष्यों के संकलन और जांच सुनिश्चित करने का भरोसा दिया है।

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