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लखनऊ विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने विकसित किया पर्यावरण अनुकूल उत्प्रेरक, दवा और कृषि उद्योग के लिए अहम

लखनऊ विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की टीम ने एक पर्यावरण अनुकूल और पुन: प्रयोग योग्य उत्प्रेरक (कैटालिस्ट) विकसित किया है, जो दवाइयों और औद्योगिक रसायनों के उत्पादन का तरीका बदल सकता है।

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Deepak Yadav
Lucknow University

लखनऊ विश्वविद्यालय

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।  लखनऊ विश्वविद्यालय (लवि) के रसायन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुशील कुमार मौर्य के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की टीम ने एक पर्यावरण अनुकूल और पुन: प्रयोग योग्य उत्प्रेरक (कैटालिस्ट) विकसित किया है, जो दवाइयों और औद्योगिक रसायनों के उत्पादन का तरीका बदल सकता है। इस शोध में सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन बायोरिसोर्स टेक्नोलॉजी पालमपुर, भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर मुंबई और आईआईटी पालक्काड, कंजिकोडे के शोधकर्ता भी शामिल रहे। 

वैनाडियम-टाइटेनियम ऑक्साइड उत्प्रेरक तैयार किया

टीम ने वैनाडियम-टाइटेनियम ऑक्साइड  उत्प्रेरक तैयार किया है, जो नाइट्रो यौगिकों को स्वच्छ और प्रभावी तरीके से अमीन में बदल देता है। अमीन दवाइयों, रंगों, कृषि-रसायनों और पॉलिमर बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। डॉ. मौर्य ने कहा कि यह नवाचार कार्बन फुटप्रिंट और रासायनिक अपशिष्ट को कम करने में मदद करेगा। शोधकर्ता डॉ. राहुल उपाध्याय, जो वर्तमान में करोलिंस्का इंस्टीट्यूट, स्टॉकहोम, स्वीडन में पोस्ट-डॉक्टरल एसोसिएट हैं, उन्होंने इस प्रक्रिया को विकसित और अनुकूलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।  

लवि में संविधान दिवस पर निकली गौरव यात्रा

लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय में संविधान दिवस के अवसर पर संविधान गौरव यात्रा का भव्य आयोजन किया गया। इस यात्रा का उद्देश्य भारतीय संविधान की भावना को पुन: स्मरण करना, समाज में संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूकता को प्रसारित करना एवं लोकतांत्रिक आदर्शों को युवा पीढ़ी के मध्य सक्रियता से जीवंत रखना है।

संविधान भारतीय लोकतंत्र की आत्मा

आयोजन ने यह संदेश भी दिया कि संवैधानिक सिद्धांतों का महत्व केवल कक्षा तक ही सीमित नहीं, बल्कि दैनिक जीवन और सामाजिक व्यवहार में भी उतना ही जरुरी है। कार्यक्रम की शुरुआत विधि संकाय के प्रांगण में औपचारिक उद्घाटन समारोह के साथ हुई। संकायाध्यक्ष एवं अधिष्ठाता प्रोफेसर डॉ. रमेश कुमार वर्मा ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को पुष्प अर्पित किया और संविधान निर्माता के रूप में स्मरण किया। उन्होंने कहा कि संविधान भारतीय लोकतंत्र की आत्मा है और इसका मूल तत्व सामाजिक न्याय, समानता और मानवीय गरिमा की रक्षा करना है। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वे संविधान के अध्ययन को केवल शैक्षणिक दायित्व न मानें, बल्कि उसे अपने जीवन का आधार बनाएं।

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Lucknow University | cataylist

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