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बिजली दरों पर नियामक आयोग का बड़ा निर्णय Photograph: (Google)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी में बिजली की नई दरें लगातार छठे साल नहीं बढ़ाया गया है। इसी बीच विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों को सही आंकड़ों के साथ नया टैरिफ 15 दिसंबर तक दाखिल करने का आदेश दिया है। दरअसल, वर्ष 2025–26 के लिए कंपनियों ने पांच बार अलग-अलग संशोधित प्रस्ताव दाखिल किए थे। इससे बिजली दरों की घोषणा देर से हुई। भविष्य में इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने के लिए आयोग ने अतिरिक्त समय दिया है। बता दें कि बहुवर्षीय टैरिफ वितरण विनियमन के तहत 2026-27 के नए टैरिफ प्रस्ताव और 2024–25 के ट्रू-अप दस्तावेज 30 नवंबर तक जमा करना जरूरी है।
गलत आंकड़ों पर बिजली दर बढ़ोतरी प्रस्ताव खारिज
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पॉवर कारपोरेशन ने लगभग 24 हजार करोड़ रुपये के घाटे का हवाला देते हुए औसतन 28 प्रतिशत और घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 45 प्रतिशत तक बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था। आपत्तियों, तथ्यों और साक्ष्यों की सुनवाई के बाद आयोग ने स्वीकार किया था कि कॉरपोरेशन के आंकड़े गलत थे। वास्तव में बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का 18,592 करोड़ रुपये बकाया पाया गया।
बकाया 51 हजार करोड़ पार
पहले से उपलब्ध 33,122 करोड़ रुपये को जोड़कर कुल बकाया लगभग 51 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। ऐसे में अब बिजली कंपनियों और पावर कॉरपोरेशन के पास सही आंकड़ें दाखिल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता। वर्मा ने कहा कि आयोग का यह कदम उपभोक्ता हितों की रक्षा और बिजली कंपनियों को जवाबदेह बनाने में बेहद सिद्ध होगा।
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