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सान्या के शोध ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर बटोरी सराहना Photograph: (YBN)
लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। लखनऊ विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्त्व विभाग की द्वितीय वर्ष की शोधार्थी सान्या गुप्ता ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय और देश का नाम रोशन किया है। सान्या ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के डार्विन में 22 से 28 जून, 2025 तक आयोजित वर्ल्ड आर्कियोलॉजिकल कांग्रेस (World Archaeological Congress-10) में अपना शोधपत्र प्रस्तुत किया।
अयोध्या की विरासत को वैश्विक मंच पर रखा
सान्या का शोधपत्र अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय: अयोध्या की सांस्कृतिक संरक्षक विषय पर आधारित था, जिसे उन्होंने प्रोफेसर दुर्गेश श्रीवास्तव के निर्देशन में तैयार किया है। इस शोध के माध्यम से उन्होंने अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया, जिसे विद्वानों ने सराहा। वर्ल्ड आर्कियोलॉजिकल कांग्रेस पुरातत्त्व क्षेत्र की विश्व की सबसे प्रतिष्ठित सम्मेलनों में से एक है, जो हर चार वर्षों में आयोजित होता है। इसमें विश्वभर के पुरातत्त्वविद, शोधकर्ता और सांस्कृतिक विशेषज्ञ भाग लेते हैं और समसामयिक पुरातत्त्वीय विषयों पर संवाद करते हैं।
युवा महिला शोधकर्ताओं में शामिल
सान्या की इस उपलब्धि को और भी गौरवपूर्ण बनाते हुए उन्हें अर्ली करियर रिसर्च विमेन स्कॉलरशिप से सम्मानित किया गया है। यह स्कॉलरशिप उभरती हुई महिला शोधकर्ताओं की प्रतिभा को पहचान देने के लिए प्रदान की जाती है। इस प्रतिष्ठित सम्मान को प्राप्त करने वाली सान्या देश की सबसे युवा महिला शोधकर्ताओं में से एक बन गई हैं।
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