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लखनऊ विश्वविद्यालय कुलपति ने नवीनीकृत सभागार का लोकार्पण किया।
लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। लखनऊ विश्वविद्यालय के अभिनवगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ ऐस्थेटिक्स एंड शैव फिलॉसफी में सत्रारंभ के अवसर पर सोमवार को विशेष आयोजन हुआ। विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक कुमार राय ने प्रथम श्रावण सोमवार को विधिवत रुद्राभिषेक पूजन किया और नवीनीकृत प्रो. कान्ति चन्द्र पाण्डेय सभागार का लोकार्पण किया।
यूजीसी एडवांस्ड स्टडी सेंटर के रूप में मान्यता प्राप्त
इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि शिव, शक्ति और सौन्दर्यशास्त्र आधारित उच्च अध्ययन एवं शोध के लिए स्थापित यह संस्थान राष्ट्रीय चेतना और सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहा है। यह संस्थान यूजीसी द्वारा एडवांस्ड स्टडी सेंटर के रूप में मान्यता प्राप्त है और इसकी स्थापना प्रसिद्ध विद्वान प्रो. कान्ति चन्द्र पाण्डेय द्वारा की गई थी। उन्हीं की स्मृति में सभागार का नवीनीकरण कर पुनः समर्पित किया गया है।
आदिदेव शिव सुशासन के प्रतीक
कुलपति ने कहा कि आदिदेव शिव, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आराध्य हैं और सुशासन के सर्वोच्च प्रतीक भी। विकसित भारत अभियान की सफलता में समावेश और समरसता की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। आचार्य अभिनवगुप्त के शैव तंत्र दर्शन में इन मूल्यों की गहराई से चर्चा है, जो राष्ट्र कल्याण के मार्ग को प्रशस्त कर सकती है। कार्यक्रम में विभिन्न संकायों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, प्रशासनिक अधिकारी, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। शैव आगम परंपरा के अनुरूप शिवार्चन का विशेष अनुष्ठान भी सम्पन्न हुआ, जिसमें विद्वानों और अधिकारियों ने सहभागिता की।
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