Advertisment

Delhi Blast : जैश मॉड्यूल की गुत्थी में बड़ा खुलासा, लखनऊ के रहने वाले डॉक्टर भाई-बहन का विदेशी फंडिंग नेटवर्क उजागर

जैश-ए-मोहम्मद के फरीदाबाद मॉड्यूल की जांच में राजधानी निवासी डॉक्टर भाई-बहन डॉ. शाहीन और डॉ. परवेज का विदेशी फंडिंग नेटवर्क उजागर हुआ है। शाहीन ने पाकिस्तान सहित कई मुस्लिम देशों में रहने वाले कश्मीरी मूल के डॉक्टरों के जरिए 30 लाख से अधिक फंड जुटाया था।

author-image
Shishir Patel
UP ATS Raid

डा. परवेज और डा. शाहीन ।

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। फरीदाबाद में उजागर हुए जैश-ए-मोहम्मद मॉड्यूल की जांच में एक चौंकाने वाली परत खुली है। राजधानी लखनऊ के रहने वाले डॉक्टर भाई-बहन डॉ. शाहीन और उनके भाई डॉ. परवेज लंबे समय से विदेशों से आतंकी फंडिंग जुटाने के गुप्त मिशन पर काम कर रहे थे। एटीएस और केंद्रीय एजेंसियों की संयुक्त जांच में सामने आया है कि शाहीन ने पाकिस्तान समेत कई मुस्लिम देशों में रहने वाले कश्मीरी मूल के डॉक्टरों से फंड इकट्ठा किया था।

कश्मीर मूल के डॉक्टर पहले से ही खुफिया एजेंसियों की निगरानी में थे

जांच अधिकारियों के अनुसार, जैश के शीर्ष हैंडलर्स ने सुनियोजित रणनीति के तहत शाहीन को विदेशों में मौजूद अपने कैडरों और समर्थकों से पैसे जुटाने का जिम्मा सौंपा था। कश्मीर मूल के डॉक्टर पहले से ही खुफिया एजेंसियों की निगरानी में थे, इसलिए नेटवर्क को सुरक्षित बनाए रखने के लिए फंडिंग की जिम्मेदारी शाहीन तक पहुंचाई गई। इसी सिलसिले में डॉ. मुजम्मिल नामक संपर्क सूत्र का इस्तेमाल किया गया, जिसने शाहीन को मॉड्यूल से जोड़ा।

30 लाख से अधिक धनराशि के सबूत मिले

जांच में यह स्पष्ट हो चुका है कि डॉ. शाहीन ने अब तक 30 लाख रुपये से अधिक की राशि विदेशों से मंगाई है। एजेंसियों ने उनके नाम से संचालित कई बैंक खातों की पहचान कर ली है, जिनसे अंतरराष्ट्रीय लेन-देन की पुष्टि हुई है। शाहीन का भाई, डॉ. परवेज, भी इस नेटवर्क से सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है। उसके दो बैंक खातों का सुराग एजेंसियों के हाथ लगा है, हालांकि इनमें लेन-देन का विवरण अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।

फंडिंग का इस्तेमाल हथियार और विस्फोटक खरीद में

अधिकारियों का मानना है कि जुटाई गई धनराशि का इस्तेमाल हथियार, अमोनियम नाइट्रेट, फर्टिलाइज़र और मॉड्यूल से जुड़े अन्य संसाधनों की खरीद के लिए किया गया। कुछ रकम मॉड्यूल के विस्तार और संभावित टारगेट एरिया की रेकी के लिए की गई विदेश यात्राओं पर खर्च की गई थी।जांच में यह आशंका भी उभरी है कि दोनों भाई-बहन ने फर्जी पते पर बैंक खाते खुलवाए थे, ताकि धन की आवाजाही को ट्रैक न किया जा सके। एजेंसियाँ इस पहलू की भी गहराई से जांच कर रही हैं।

Advertisment

जांच में और बड़े खुलासों की उम्मीद

डॉ. शाहीन की विदेश यात्राओं का विस्तृत ब्यौरा अब सुरक्षा एजेंसियों द्वारा खंगाला जा रहा है। प्रारंभिक जांच में कुछ यात्राएं संदिग्ध पाई गई हैं, जिनमें उनकी मुलाकात कथित तौर पर पाकिस्तान समर्थक समूहों से बताई गई है।जैसे-जैसे एटीएस बैंक खातों, कॉल डिटेल्स और विदेश कनेक्शन की जांच आगे बढ़ा रही है, मॉड्यूल के कई और लिंक सामने आने की संभावना है। अधिकारियों का कहना है कि यह नेटवर्क न सिर्फ फंडिंग तक सीमित था, बल्कि मॉड्यूल के संचालन और विस्तार में भी प्रमुख भूमिका निभा रहा था।

यह भी पढ़ें: ब्रिटेन में रह रहे मदरसा शिक्षक के वेतन विवाद में यूपी के तीन जिला अल्पसंख्यक अधिकारी जांच के घेरे में

यह भी पढ़ें: Crime News: एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई, शाहजहांपुर डकैती का पर्दाफाश, शातिर गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार

Advertisment

यह भी पढ़ें: Delhi Blast में फंसी डॉ. शाहीन : जैश-ए-मोहम्मद से 10 साल के खतरनाक कनेक्शन का खुलासा

news Lucknow
Advertisment
Advertisment