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आम महोत्सव : यूपी के आमों ने भरी लंदन-दुबई की उड़ान, CM Yogi ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

सीएम योगी ने कहा कि यह महोत्सव कृषि तकनीक और निर्यात को बढ़ावा देने का माध्यम बन रहा है। उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि प्रदेश में 61 लाख मीट्रिक टन आम का उत्पादन हो रहा है।

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Abhishek Mishra
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सीएम योगी ने आम महोत्सव का किया शुभारंभ

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अवध शिल्प ग्राम में शुक्रवार से तीन दिवसीय आम महोत्सव 2025 की शुरुआत हो गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मेले का विधिवत उद्घाटन किया और इस मौके पर आम से भरे कंटेनरों को लंदन और दुबई के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस महोत्सव की खास बात यह है कि इसमें आम की करीब आठ सौ प्रजातियों को प्रदर्शित किया गया है। लोग न सिर्फ इन्हें देख सकेंगे, बल्कि इनका स्वाद भी ले सकेंगे।

महोत्सव कृषि नवाचार को बढ़ावा देने का मंच

मुख्यमंत्री योगी ने उद्घाटन समारोह में कहा कि यह महोत्सव सिर्फ एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि कृषि तकनीक, नवाचार और निर्यात को बढ़ावा देने का एक मंच भी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप प्रदेश में कृषि क्षेत्र लगातार प्रगति कर रहा है। डबल इंजन की सरकार द्वारा स्थापित चार आधुनिक पैक हाउसों की मदद से आम जैसे औद्यानिक उत्पादों का निर्यात लगातार बढ़ रहा है।

UP Mango Festival inaugurate CM Yogi
आम महोत्सव

25-30% जीडीपी कृषि आधारित

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश की 25-30 फीसदी जीडीपी कृषि आधारित है, जिसे और मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने बुंदेलखंड में चल रही जल परियोजनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि अब वहां बहुफसली खेती हो रही है और मक्का जैसी फसलों से किसान एक एकड़ में एक लाख रुपये तक का मुनाफा कमा रहे हैं। साथ ही, औषधीय पौधों की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

28 करोड़ आम के पौधे वितरित

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इस अवसर पर राज्य के उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि प्रदेश में 61 लाख मीट्रिक टन आम का उत्पादन हो रहा है। किसानों को साल भर आम उपलब्ध कराने के लिए प्रसंस्करण यूनिट्स की संख्या बढ़ाई जा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक 28 करोड़ आम के पौधे नर्सरी से किसानों को वितरित किए जा चुके हैं, ताकि हर जिले की जलवायु के अनुसार उपयुक्त किस्मों की खेती हो सके।

लाखों कमा रहे किसान

उद्यान मंत्री ने बताया कि कम क्षेत्रफल में अधिक लाभ देने वाली फसलों पर विभाग विशेष फोकस कर रहा है। उदाहरण के तौर पर उन्होंने बताया कि जितने क्षेत्रफल में गेहूं की खेती से 38 हजार की आय होती है, उतने ही क्षेत्र में शिमला मिर्च से 15 लाख की कमाई संभव है। किसानों के उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने के लिए जेवर एयरपोर्ट के पास इंटीग्रेटेड टेस्टिंग एंड ट्रीटमेंट पार्क की स्थापना की जा रही है। इसका उद्देश्य किसानों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार उत्पादन में सहायता देना है।

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