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महापौर ने नगर आयुक्त के खिलाफ खोला मोर्चा Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।नगर निगम में अंदरूनी भतभेद उभरने लगे हैं। महापौर सुषमा खर्कवाल (Sushma Kharakwal) ने नगर आयुक्त गौरव कुमार (Gaurav Kumar) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने नगर आयुक्त को तीखा पत्र भेजकर आरोप लगाया कि महत्वपूर्ण और संवेदनशील कार्यक्रमों में उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया, न ही उनके कार्यालय को कोई सूचना दी गई।
काम आवंटन में अनदेखी का आरोप
महापौर ने इसे अनुशासनहीनता बताया है। साथ ही तीन नवनियुक्त पीसीएस अफसरों को काम आवंटन में भी उनकी अनदेखी का आरोप लगाया है। महापौर ने इसके लिए नगर आयुक्त और अधिष्ठान की अपर नगर आयुक्त नम्रता सिंह को जिम्मेदार ठहराया है। इस मामले में उन्होंने नगर आयुक्त से चार अगस्त तक स्पष्टीकरण मांगा है।
महापौर ने जताई नाराजगी
महापौर ने पत्र में कहा कि एक अगस्त को सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें मृतक कर्मियों के परिजनों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए और सेवानिवृत्त कार्मिकों को विदाई दी गई। उसे पूरी तरह उनके संज्ञान से बाहर रखा गया। महापौर ने लिखा, न मुझे जानकारी दी गई, न मेरे कार्यालय को पत्र भेजा गया। यह जिम्मेदारी नगर आयुक्त के साथ अपर नगर आयुक्त अधिष्ठान की भी थी।
संवेदनशील आयोजनों में अनदेखी क्यों?
सुषमा खर्कवाल कहा कि ऐसा लगता है कि कि अधिकारी अधीनस्थ अपने पदीय दायित्वों के प्रति सजग नहीं हैं। महापौर ने सवाल खड़ा किया कि क्या नगर निगम प्रशासन अब यह मान बैठा है कि ऐसे कार्यक्रमों में महापौर की उपस्थिति जरूरी नहीं है? उन्होंने पूछा कि क्या संवेदनशील आयोजनों में संवैधानिक पद की उपेक्षा अब एक सामान्य प्रवृति बन चुकी है।
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