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AKTU दीक्षांत समारोह में मेधावियों पर बरसे पदक : राज्यपाल बोलीं- मां को मेडल पहनाकर छूना पैर

विश्वविद्यालय में सर्वोच्च स्थान पाने वाली सम्बद्ध संस्थान प्रणवीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कानपुर की बीटेक कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग की छात्रा नैंसी को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कुलाधिपति स्वर्ण पदक और 31 हजार रुपये का चेक दिया। 

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Deepak Yadav
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एकेटीयू दीक्षांत समारोह में राज्यपाल का सम्मान Photograph: (YBN)

लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) में मंगलवार को 23वें दीक्षांत समारोह में मेधावियों पर स्वर्ण, रजत और कास्य पदकों की बारिश हुई। मेहनत का फल मिलने पर छात्रों के चेहरे की चमक स्वर्ण आभा जैसी थी। आगे भविष्य को गढ़ने की जिम्मेदारी का एहसास भी साफ दिखाई दे रहा था। इस मौके पर सबसे पहले विश्वविद्यालय में सर्वोच्च स्थान पाने वाली सम्बद्ध संस्थान प्रणवीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कानपुर की बीटेक कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग की छात्रा नैंसी को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कुलाधिपति स्वर्ण पदक और 31 हजार रुपये का चेक दिया। 

53943 छात्र-छात्राओं को मिली डिग्री 

कमल रानी वरूण स्मृति स्वर्ण पदक बीटेक के सभी ब्रांच में अनुसूचित जाति की सभी उत्तीर्ण छात्राओं में सर्वोच्च स्थान पाने वाली आरडी इंजीनियरिंग कॉलेज, गाजियाबाद की छात्रा उन्नति गौर को मिला। समारोह में 37 स्वर्ण, 26 रजत और 25 कांस्य समेत कुल 88 पदक दिये गये। इसके अलावा 53943 छात्रों को विभिन्न पाठ्यक्रमों में डिग्री प्रदान की गयी। सभी डिग्रियां ब्लॉकचेन तकनीकी के माध्यम से डिजिलॉकर पर कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने ऑनलाइन माध्यम से अपलोड किया। जबकि 86 छात्रों को पीएचडी अवार्ड हुई। 

क्या बोले नवनीत सिकेरा

समारोह में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद की उपाधि दी गयी। वहीं, इस साल अपर पुलिस महानिदेशक नवनीत सिकेरा ने टेक्नोलॉजी में पीएचडी कंप्लीट की। नवनीत बोले- पढ़ते रहना उनका शौक है। डिग्री देने के बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने छात्रों से कहा कि घर जाकर इसे मां को पहनाना। उनके पैर छूना। पिता का भी आशीर्वाद लेना। मेरे पिताजी समझाते थे मां जितना काम करती हैं, उसका एक चौथाई पिता करते हैं। यानी 75 फीसदी मां और 25 फीसदी पिता। इसलिए पहले मां का आशीर्वाद लें। 

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दीक्षांत समारोह शैक्षणिक यात्रा का उज्ज्वल पड़ाव 

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राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह किसी भी विश्वविद्यालय का केवल औपचारिक आयोजन नहीं होता, बल्कि यह संस्था की शैक्षणिक यात्रा का उज्ज्वल पड़ाव होता है। यह दिन विश्वविद्यालय के लिए गौरव का और छात्र-छात्राओं के जीवन का अविस्मरणीय क्षण है। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि जिम्मेदारी का दीपक है, जो हर विद्यार्थी के जीवन को आलोकित कर राष्ट्र को रोशन करता है। यह अवसर विद्यार्थियों के लिए आत्ममंथन और संकल्प का है कि वे अपने अर्जित ज्ञान का उपयोग राष्ट्रहित में करें और भारत की गरिमा को वैश्विक पटल पर और प्रखर बनाएं। उन्होंने कहा किशिक्षा और विज्ञान का उद्देश्य केवल ज्ञान अर्जन नहीं, बल्कि मानवता की सेवा, नवाचार और राष्ट्र के उत्थान में होना चाहिए। 

छात्राएं तकनीकी और विज्ञान क्षेत्र में आगे आएं 

उन्होंने बताया कि 70 प्रतिशत छात्र और 30 प्रतिशत छात्राओं को उपाधियां दी गई हैं। लंबे समय के बाद छात्रों की संख्या छात्राओं से अधिक होना यह इंगित करता है कि तकनीकी क्षेत्र में छात्राओं की भागीदारी अपेक्षाकृत कम है। उन्होंने छात्राओं से विशेष रूप से अपील की कि वे भी विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में आगे आएं और अपनी प्रतिभा से देश का नाम रोशन करें। प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने एआई से जुड़ा नया विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसके लिए एकेटीयू की मदद ली जाएगी। 

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