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मिशन शक्ति ने बढ़ाया बालिकाओं का आत्मविश्वास Photograph: (YBN)
- मिशन शक्ति ने बढ़ाया बालिकाओं का आत्मविश्वास
- बालिकाओं को मिला आत्मरक्षा प्रशिक्षण और 'सेल्फ डिफेंस क्लब' का हुआ गठन
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। मिशन शक्ति के तहत शुक्रवार को प्रदेश भर के विद्यालयों में ख्यातिप्राप्त महिलाओं से संवाद, आत्मरक्षा प्रशिक्षण और ‘सेल्फ डिफेंस क्लब’ का गठन हुआ। बालिकाओं के लिए प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक गतिविधियों का आयोजन किया गया। संवाद सत्र और आत्मरक्षा क्लबों ने बालिकाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाया और उनके उज्ज्वल भविष्य को सशक्त बनाने की दिशा में बढ़ने को प्रेरित किया।
मिशन शक्ति ने बढ़ाया बेटियों का आत्मविश्वास
नवरात्रि के इस पावन अवसर पर मिशन शक्ति की यह पहल बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सशक्त कदम साबित हुई। यह आयोजन न केवल उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला है बल्कि भविष्य में उन्हें समाज की नेतृत्वकारी भूमिका निभाने के लिए भी प्रेरित करेगा।
संवाद सत्र में 3.77 लाख बालिकाओं ने किया प्रतिभाग
संवाद सत्र में प्रदेश के विभिन्न परिषदीय और कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की 3.77 लाख बालिकाओं ने प्रतिभाग किया। इस सत्र में ख्याति प्राप्त महिलाओं और वरिष्ठ महिला अधिकारियों को आमंत्रित किया गया, जिन्होंने अपने संघर्ष, उपलब्धियों और अनुभवों को साझा किया। इन जीवन्त अनुभवों ने छात्राओं को प्रेरित किया और जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए आत्मविश्वास जगाया। संवाद से यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि लक्ष्य निर्धारण और निरंतर प्रयास से सफलता संभव है।
‘सेल्फ डिफेंस क्लब’ में शामिल हुई 2.98 लाख बालिकाएं
विद्यालयों में ‘सेल्फ डिफेंस क्लब’ (आत्मरक्षा क्लब) का भी विधिवत गठन किया गया। इसमें 2.98 लाख बालिकाएं शामिल हुईं। आत्मरक्षा क्लब का उद्देश्य छात्राओं को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाना है ताकि वे किसी भी आपात स्थिति में अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकें। इन क्लबों के माध्यम से बालिकाओं को आत्मरक्षा के सरल और प्रभावी उपाय सिखाए जाएंगे।
संवाद सत्रों से बालिकाओं में साहस का संचार
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा मोनिका रानी ने कहा कि संवाद सत्र और आत्मरक्षा क्लबों से बालिकाओं में आत्मविश्वास और साहस का संचार हुआ है। यह उन्हें जीवन की चुनौतियों का सामना करने और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में सशक्त बनाएगा।
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बीबीएयू : कवियों ने देशभक्ति की गाथाओं को किया जीवंतलखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में शुक्रवार को 'हिंदी पखवाड़ा उत्सव के अंतर्गत कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। मंच पर प्रसिद्ध कवियों में लखनऊ से विजय त्रिपाठी, अशोक अग्निपथी, बनारस से एके श्रीवास्तव 'चकाचौंध ज्ञानपुरी, पूनम श्रीवास्तव, प्रयागराज के डॉ. विनम्र सेन सिंह और मऊ के डॉ. सुभाष चंद्र रसिया ने अपने काव्यपाठ में देशभक्ति की भावनाओं को मुखर किया। स्वतंत्रता संग्राम की गाथाएं जीवंतइसके अलावा कवियों ने स्वतंत्रता संग्राम की गाथाओं को जीवंत किया और श्रोताओं को गौरव एवं उत्साह से भर दिया। समाज में असमानता, जातीय भेदभाव, भ्रष्टाचार, पर्यावरण संरक्षण तथा महिलाओं की स्थिति के मुद्दों को अपनी रचनाओं के माध्यम से उठाया और सकारात्मक बदलाव का संदेश दिया। इसके अतिरिक्त प्रेम, मानवीय संवेदनाएं और करुणा जैसे शाश्वत विषयों पर भी भावपूर्ण कविताएं प्रस्तुत की गईं, जिन्होंने उपस्थित श्रोताओं को गहराई तक प्रभावित किया। |
गोमती पुस्तक महोत्सव का सातवां दिन रहा यादगारलखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। लाखों लोगों की भीड़ और हजारों किताबों की बिक्री के साथ गोमती पुस्तक महोत्सव लखनऊ में साहित्य, संस्कृति और रचनात्मकता का एक जीवंत केंद्र बन गया है, जो हर उम्र के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यह महोत्सव 'मेक इंडिया रीड' मिशन को आगे बढ़ाने के दृष्टिकोण के अनुरूप है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के लक्ष्यों को भी दर्शाता है, जो शिक्षा में बुनियादी साक्षरता, बहु-भाषीयता, रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और डिजिटल एकीकरण पर जोर देता है। 600 से अधिक बच्चों ने लिया हिस्सासातवें दिन तीन सत्रों में लखनऊ के विभिन्न स्कूलों के 600 से अधिक बच्चों ने भाग लिया। शुरुआत म्यूज़िकल ड्राइंग गेम 'राउंड द रिडल' से हुई, जो स्कूली बच्चों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इस मजेदार गतिविधि के बाद सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले बच्चों को किताबें उपहार में दी गईं। जाने-मानें कहानीकार जयश्री सेठी के दूसरे सत्र 'आइए, एक कहानी सुनते हैं' में कठपुतली का इस्तेमाल करके कहानी सुनाने की पुरानी परंपरा में एक नया मोड़ आया। तीसरे और अंतिम सत्र में फरमा और मुस्कान ने एक मनोरंजक थिएटर कार्यशाला का आयोजन किया, जिसने बच्चों में रचनात्मकता और अभिव्यक्ति को बढ़ावा दिया। दिन का समापन नाश्ते और हंसी-मज़ाक के साथ हुआ। लेखकगंज में एक दिलचस्प चर्चामसाला मंडी' पुस्तक के लेखक सदफ हुसैन ने देश भर की यात्रा करके मसालों को गहराई से समझने और पहचानने के अपने अनुभव के बारे में पल्लवी विनोद से बातचीत की। लेखक ने सभी की जिज्ञासाओं को उत्सुकता से शांत किया और यह भी बताया कि उन्होंने अपने घर से खाना पकाने की 'मास्टर रेसिपी' कैसे सीखी। डॉ. ललित किशोर मंडोरा ने दोनों मेहमानों का स्वागत किया और उन्हें शॉल और किताबें भेंट कीं। एक अन्य सत्र में गोमती महोत्सव में 'पिक्चर वर्ड्स : द राइज ऑफ ग्राफिक नरेटिव्स' सत्र में शह की प्रमुख हस्ती सौमित्र दासगुप्ता, उत्तम पाल सिंह और इशिता देबनाथ विश्वास शामिल हुए। इस पैनल ने ग्राफिक स्टोरीटेलिंग के बढ़ते प्रभाव पर चर्चा की। नवाबों की नगरी में उर्दू प्रेमियों का संगमलखनऊ विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग के सहयोग से आयोजित एक मुशायरे ने दोपहर को एक अलग ही रंग दिया। इसमें डॉ. असमत मलिहाबादी, फ़ारूक जैसी, रश्मि बादशाह, डॉ. ओमैर मंज़र, रूबीना अय्याज और वेद प्रकाश संजर जैसे मशहूर शायर शामिल हुए। उर्दू की सुंदरता का जश्न मनाते हुए शायरी ने दर्शकों के बीच हंसी और चिंतन का माहौल बनाया। कथक और लाइव संगीतशाम को बिरजू महाराज कथक संस्थान (बीएमएकेएस) की ओर से शानदार शास्त्रीय प्रस्तुतियां हुईं । कार्यक्रम की शुरुआत राग ललित में भगवान गणेश के लिए पारंपरिक वॉयकल प्रार्थना से हुई। इसके बाद पारंपरिक और लयबद्ध रचनाओं के साथ एक शानदार तबला प्रस्तुति हुई। मुख्य आकर्षण था सुंदर कथक नृत्य, जिसमें मां दुर्गा का स्मरण और अंत में 'शिवोहम्' रचना पर एक आकर्षक सरगम प्रस्तुति हुई। इसके बाद दिल्ली का मशहूर लाइव म्यूज़िक बैंड 'साधो बैंड' आया। यह बैंड सूफी, भक्ति भजन, बॉलीवुड हिट और लोक संगीत के मिश्रण वाली अपनी शानदार प्रस्तुतियों के लिए जाना जाता है। बैंड ने पारंपरिक संगीत को आधुनिकता के साथ मिलाकर गोमती बुक फेस्टिवल के सातवें दिन एक आध्यात्मिक माहौल बनाया। |