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डिजिटल उपकरणों का दुरुपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चिंता का विषय : आईजी एटीएस प्रेम गौतम

उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस, लखनऊ में आईजी ATS प्रेम कुमार गौतम ने राष्ट्रीय स्तर के साइबर सुरक्षा और डिजिटल फॉरेंसिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

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Shishir Patel
ats

आईजी ATS ने किया साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण सत्र का शुभारंभ

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।  उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस (UPSIFS), लखनऊ में साइबर सुरक्षा एवं डिजिटल फॉरेंसिक विषयक राष्ट्रीय स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ आज पुलिस महानिरीक्षक, आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) उत्तर प्रदेश प्रेम कुमार गौतम (IPS) द्वारा मुख्य अतिथि के रूप में किया गया।कार्यक्रम के दौरान संस्थान के अपर निदेशक राजीव मल्होत्रा एवं चिरंजीव मुखर्जी ने मुख्य अतिथि का स्वागत अंगवस्त्रम एवं स्मृति चिन्ह देकर किया।

आईजी ATS ने किया साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण सत्र का शुभारंभ

मुख्य अतिथि प्रेम कुमार गौतम ने अपने संबोधन में कहा कि डिजिटल फुटप्रिंट हर जगह मौजूद हैं और आज के युग में साइबरस्पेस के बिना जीवन की कल्पना संभव नहीं है, इसलिए इसकी सुरक्षा बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि डिजिटल डेटा अब नई करेंसी बन चुका है जिसके पास डेटा है, वही सशक्त है।IG ATS ने बताया कि अधिकांश सोशल मीडिया सर्वर विदेशों में स्थित होने के कारण जांच प्रक्रिया जटिल होती है। सोशल मीडिया पर फर्जी पहचान, भ्रामक प्रचार और विदेशी एजेंसियों द्वारा वित्तीय दुरुपयोग जैसी गतिविधियाँ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती हैं। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी, हवाला, शेल कंपनियों और व्यापक डिजिटल नेटवर्क के चलते जांच और अधिक पेचीदा हो गई है।

हनीट्रैप के बढ़ते मामलों को लेकर भी किया आगाह

श्री गौतम ने हनीट्रैप के बढ़ते मामलों को लेकर भी आगाह किया। उन्होंने कहा कि साइबर माध्यमों से प्रतिरूपण और लुभावने उपायों द्वारा संवेदनशील जानकारियां हासिल करने के प्रयास बढ़ रहे हैं। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को अपने परिवेश के प्रति जागरूक रहने और सतर्कता अपनाने की सलाह दी।इस अवसर पर अपर निदेशक राजीव मल्होत्रा ने बताया कि इस प्रशिक्षण सत्र में देश के विभिन्न राज्यों दिल्ली, केरल, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गोवा, मध्य प्रदेश एवं ओडिशा से आए 40 पुलिस अधिकारी (उपनिरीक्षक से उपाधीक्षक स्तर तक) भाग ले रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध जांच जैसे विषय शामिल

उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम में साइबर अपराध के रुझान एवं रिपोर्टिंग, डिजिटल साक्ष्य प्रबंधन, विधिक ढांचा एवं डेटा संरक्षण, एआई आधारित खतरे, सोशल मीडिया फॉरेंसिक, वित्तीय धोखाधड़ी विश्लेषण और अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध जांच जैसे विषय शामिल हैं।कार्यक्रम के अंत में उपनिदेशक चिरंजीवी मुखर्जी ने सभी प्रतिभागियों, फैकल्टी सदस्यों एवं अधिकारियों का आभार व्यक्त किया।इस अवसर पर विवेक कुमार (ए.आर.), चंद्र मोहन सिंह, जनसंपर्क अधिकारी संतोष कुमार तिवारी, आरआई बृजेश कुमार सिंह, डॉ. मनीष राय, डॉ. पलक अनेजा, गिरजेश राय, शैलेंद्र सिंह, अमर सिंह सहित संस्थान के अन्य फैकल्टी सदस्य उपस्थित रहे।

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