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Lucknow News : हुसैन की सदाएं बुलंद करते लखनऊ में निकला मोहर्रम का जुलूस

जुलूस में हजारों अकीदतमंदों ने मातम किया और इमाम हुसैन की याद में मर्सिये पढ़े। ट्रैफिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए 18 मार्गों पर डायवर्जन लागू किया गया। सुरक्षा के लिए 82 स्थानों पर CCTV, ड्रोन और तीन स्तर की पुलिस व्यवस्था तैनात रही।

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Abhishek Mishra
Muharram procession

लखनऊ में निकला मोहर्रम का जुलूस

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। रविवार को मोहर्रम की 10वीं तारीख पर राजधानी के पुराने लखनऊ क्षेत्र में अकीदतमंदों ने इमाम हुसैन की याद में मातम करते हुए पारंपरिक जुलूस निकाला। यह जुलूस सुबह दस बजे चौक स्थित नाजिम साहब इमामबाड़ा से शुरू होकर मेफेयर तिराहा, अकबरी गेट, बिल्लौचपुरा, बुलाकी अड्डा, बाजारखाला होते हुए दोपहर 2:30 बजे तालकटोरा स्थित कर्बला में समाप्त हुआ।

हजारों की संख्या में शामिल हुए लोग

ट्रैफिक विभाग ने सुरक्षा और सुगम यातायात के लिए शहर के 18 मार्गों पर डायवर्जन लागू किया, जिनमें से पुराने लखनऊ के 11 मार्गों पर सुबह 7 बजे से ही बदलाव किया गया। जुलूस विक्टोरिया स्ट्रीट से निकला, जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। पांच किलोमीटर लंबा यह जुलूस तालकटोरा की कर्बला तक गया। अजादार इमाम हुसैन की शहादत की याद में छूरियों और जंजीरों से मातम करते हुए, मर्सिया पढ़ते और या हुसैन की सदाएं बुलंद करते नजर आए।

Muharram procession
अकीदतमंदों ने इमाम हुसैन की याद में निकला मोहर्रम का जुलूस

मेवों से बना 65 किलो का ताजिया

इस मौके पर अकीदतमंदों ने 65 किलो सूखे मेवों से बना एक विशेष अलम भी उठाया, जिसमें 21 किलो छुहारा, 7 किलो मखाना, 21 किलो गरी, 8 किलो बादाम, 7 किलो अखरोट और 1 किलो किशमिश शामिल रहा। जुलूस में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई की तस्वीरें लेकर चल रहे अजादारों ने अपनी आस्था का प्रदर्शन किया। वहीं, अलम और मशकीजा को श्रद्धा से चूमा गया।

धर्मों का मूल संदेश एकता और शांति

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मोहर्रम के अवसर पर हिंदू धर्मगुरु स्वामी सारंग ने शिया समुदाय के साथ मातम में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में उनकी भागीदारी का मकसद केवल एक है-विश्व में अमन और भाईचारे को बढ़ावा देना। स्वामी सारंग ने कहा कि मैं यहां लोगों को जोड़ने आया हूं, अपने खून से एकता की मिसाल कायम करना चाहता हूं। हमारे सनातन धर्म में भी यह बात कही गई है कि यदि शांति की स्थापना के लिए रक्त देना पड़े, तो वह भी पुण्य का कार्य है-और यदि वह रक्त अपना हो, तो उससे बड़ा कोई योगदान नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि धर्मों का मूल संदेश एकता और शांति है, और आज के समय में सबसे बड़ी जरूरत इन्हीं मूल्यों की है।

Hindu religious leader Swami Sarang
हिंदू धर्मगुरु स्वामी सारंग

तीन स्तर पर फोर्स तैनात 

डीसीपी पश्चिम लखनऊ विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि पुराने लखनऊ को संवेदनशील क्षेत्र मानते हुए सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए हैं। जुलूस के लिए तीन स्तर पर फोर्स तैनात की गई है। पहली बॉक्स फॉर्मेशन में जुलूस के साथ चलती है, दूसरी रूट पर निगरानी करती है और तीसरी टीम महत्व स्थानों पर तैनात रहती है। कुल 82 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है और सोशल मीडिया सेल पूरी तरह सक्रिय है। धर्मगुरुओं से भी लगातार संपर्क में हैं।

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