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UP News : पहली बार 2300 से अधिक विद्यार्थी देंगे अटल आवासीय विद्यालय की 10वीं बोर्ड परीक्षा, 100% रिजल्ट का लक्ष्य

श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने प्रधानाचार्यों, वरिष्ठ अधिकारियों और शिक्षा विशेषज्ञों से कहा कि ये विद्यालय श्रमिक वर्ग के बच्चों के जीवन में शिक्षा का नया प्रकाश ला रहे हैं।

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Deepak Yadav
Atal Awasiya Vidyalaya

अटल आवासीय विद्यालयों के 2300 से अधिक विद्यार्थी पहली बार देंगे 10वीं बोर्ड परीक्षा Photograph: (google)

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश के 18 अटल आवासीय विद्यालयों के 2300 से अधिक विद्यार्थी इस वर्ष पहली बार कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे। प्रदेश के 18 राजस्व मंडलों में 1267.45 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक आवासीय विद्यालयों का निर्माण हुआ है। इन विद्यालयों का संचालन उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा किया जा रहा है। ताकि श्रमिक परिवारों के बच्चों को मुफ्त, गुणवत्तापूर्ण और सीबीएससी पैटर्न पर आधारित शिक्षा मिल सके।

श्रमिक वर्ग के बच्चों को मिली नई शैक्षिक उड़ान 

बापू भवन में आयोजित बैठक में श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने प्रधानाचार्यों, वरिष्ठ अधिकारियों और शिक्षा विशेषज्ञों से कहा कि ये विद्यालय श्रमिक वर्ग के बच्चों के जीवन में शिक्षा का नया प्रकाश ला रहे हैं। सरकार चाहती है कि इनका पहला बोर्ड परीक्षा परिणाम न केवल प्रदेश, बल्कि पूरे देश के लिए मिसाल बने।

बैठक में ये रहे प्रमुख एजेंडे

  • 100% बोर्ड परीक्षा परिणाम सुनिश्चित करना।
  • कमजोर और मेधावी छात्रों के लिए अलग रणनीति।
  • सीबीएससी के नए पैटर्न के अनुरूप तैयारी।
  • मॉक टेस्ट व विषयवार विश्लेषण।
  • हर विद्यालय से 4-5 छात्रों को राज्य/सीबीएससी टॉपर सूची में लाने का लक्ष्य।

मॉक टेस्ट में मेरठ अव्वल

जुलाई माह में हुए मॉक टेस्ट-2 में मेरठ के अटल विद्यालय ने 98% पास प्रतिशत के साथ शीर्ष स्थान पाया। प्रधानाचार्य अमर कौर ने बताया कि अतिरिक्त रेमेडियल कक्षाओं और पीयर लर्निंग ग्रुप से विद्यार्थियों की तैयारी मजबूत हुई है।

प्रमुख सचिव व विशेष सचिव के निर्देश

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  • पिछले पांच वर्षों के सीबीएससी प्रश्नपत्र हल कराना।
  • कमजोर विद्यार्थियों के लिए नियमित रेमेडियल क्लास।
  • हर शिक्षक को छोटे छात्र समूह का मेंटर बनाना।
  • दिसंबर से रिवीजन टेस्ट शुरू।
  • महीने में दो बार ऑब्जेक्टिव प्रश्न आधारित टेस्ट।
  • औसत व कमजोर छात्रों के लिए माइक्रो प्लानिंग।
  • कंसेप्चुअल लर्निंग पर फोकस।

भविष्य की रणनीति

  • मॉक टेस्ट, रिवीजन और प्री-बोर्ड के जरिए निरंतर निगरानी।
  • उत्तर पुस्तिका प्रेजेंटेशन सुधारना।
  • समय प्रबंधन व परीक्षा तकनीक पर कार्यशालाएं।
  • शिक्षक-छात्र मेंटरशिप कार्यक्रम।
  • स्वच्छता, वृक्षारोपण और अभिभावक सहभागिता अभियान।

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