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BBAU और यूनानी चिकित्सा संस्थान के बीच हुआ MoU, शिक्षा-स्वास्थ्य गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा

तकमील-उत-तिब विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. अब्दुल क़ावी डॉ. ने यूनानी चिकित्सा पद्धति की विशेषता, इसके लाभ और आज के समय में प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।

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Deepak Yadav
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BBAU और यूनानी चिकित्सा संस्थान के बीच हुआ MoU Photograph: (YBN)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (BBAU) और सरकारी यूनानी चिकित्सा संस्थान राजकीय तकमील-उत-तिब विद्यालय एवं अस्पताल के बीच गुरुवार को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते का उद्देश्य दोनों संस्थानों के मध्य शैक्षणिक और स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देना है।

यूनानी चिकित्सा पद्धति आज के समय में प्रासंगिक

तकमील-उत-तिब विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. अब्दुल क़ावी डॉ. ने यूनानी चिकित्सा पद्धति की विशेषता, इसके लाभ और आज के समय में प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यूनानी पद्धति एक वैकल्पिक प्रणाली के रूप में किस प्रकार से रोगों की रोकथाम और उपचार में उपयोगी हो सकती है।

विद्यार्थियों को यूनानी चिकित्सा का मिलेगा लाभ

इस समझौते के तहत दोनों संस्थानों के शिक्षक, शोधकर्ता और विद्यार्थी एक-दूसरे के साथ स्वास्थ्य सेवाएं, कार्यशालाएं, शैक्षणिक कार्यक्रमों एवं प्रशिक्षण सत्रों में भागीदारी कर सकेंगे। साथ ही विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को यूनानी चिकित्सा पद्धति से उपचार संबंधी लाभ भी प्राप्त होंगे।

चिकित्सीय क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा

बीबीएयू के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने कहा कि यह सहयोग भविष्य में  शैक्षणिक और चिकित्सीय क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देगा। साथ ही पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों की समझ और उनका व्यावहारिक प्रयोग भी सुनिश्चित करेगा।

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