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यूपी पुलिस
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में मुख्य आरक्षी (मोटर परिवहन) के पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया को लेकर बड़ा बदलाव किया जा सकता है। अब इन पदों पर चयन लिखित परीक्षा के बजाय ज्येष्ठता (सीनियरिटी) के आधार पर किए जाने की संभावना है।
भर्ती बोर्ड ने जताई आपत्ति
डीजीपी मुख्यालय की लॉजिस्टिक शाखा ने नियमावली के प्रावधानों के अनुसार रिक्त पदों को विभागीय परीक्षा के माध्यम से भरने का प्रस्ताव पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड को भेजा था। हालांकि, बोर्ड ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि मोटर परिवहन शाखा में अब तक सभी पदों मुख्य आरक्षी चालक, उप निरीक्षक (मोटर परिवहन) और निरीक्षक (मोटर परिवहन) पर पदोन्नति सीनियरिटी के आधार पर की जाती रही है। ऐसे में मुख्य आरक्षी (मोटर परिवहन) के लिए भी समान मानक अपनाना उचित होगा।
नियमावली में संशोधन का सुझाव
भर्ती बोर्ड की ओर से एडीजी लॉजिस्टिक को भेजे गए पत्र में स्पष्ट किया गया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस मोटर परिवहन शाखा अधीनस्थ अधिकारी सेवा नियमावली-2015 में वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति का प्रावधान मौजूद है। लिहाजा, मुख्य आरक्षी (मोटर परिवहन) के पदों को भी इसी आधार पर भरा जाना समीचीन प्रतीत होता है। बोर्ड ने इस संबंध में नियमावली में आवश्यक संशोधन करने की अनुशंसा की है।
176 रिक्त पदों पर होगी पदोन्नति
गौरतलब है कि वर्ष 2020 से 2026 तक मुख्य आरक्षी (मोटर परिवहन) के कुल 176 पद रिक्त चल रहे हैं। नियमावली में संशोधन होने के बाद इन पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
परीक्षा व्यवस्था खत्म, सीनियरिटी को प्राथमिकता
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव विभागीय कर्मचारियों के लिए राहत की खबर है, क्योंकि उन्हें अब लिखित परीक्षा की कठिन प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा। योग्य और वरिष्ठ कर्मचारियों को पदोन्नति का सीधा लाभ मिलेगा।
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