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लखनऊ में कैब ड्राइवरों की हड़ताल : ओला-उबर नहीं चलने से सफर हुआ मुश्किल

राष्टवादी ड्राइवर यूनियन 'शक्ति' के बैनर तले यह हड़ताल की जा रही है। ड्राइवरों का कहना है कि कैब कंपनियां कस्टमर से 10 किलोमीटर राइड के लिए 80 से 90 रुपये ही देती हैं।

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Deepak Yadav
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लखनऊ में कैब ड्राइवरों की हड़ताल Photograph: (google)

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।राजधानी लखनऊ में लोगों का सफर आज मुश्किल होगा। कैब टैक्सियों के चालक हड़ताल पर हैं। चालकों ने कैब कंपनियों से कमीशन बढ़ाने समेत कई मांगों को लेकर अपनी सेवाएं रोक दी हैं। ओला, ऊबर की राइड बुक नहीं होने से लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। साथ ही दूसरे साधनों से सफर के लिए ज्यादा जेब ढीली पड़ रही है।

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कम कमीशन दे रहीं कैब कंपिनियां

राष्टवादी ड्राइवर यूनियन 'शक्ति' के बैनर तले यह हड़ताल की जा रही है। चालकों का कहना है कि कैब कंपनियां कस्टमर से 10 किलोमीटर की यात्रा के लिए 80 से 90 रुपये ही देती हैं। इसमें वाहन का ईंधन, मेटीनेंस, कमीशन और टैक्स काटने के के बाद कुछ नहीं बचता। उनका कहना 20 किलोमीटर कैब चलाने पर 100 रुपए की सीएनजी लग जाती है। ऐसें में कमीशन बढ़ाया जाना चाहिए।

एग्रीगेटर पाॅलिसी लाई जाए

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यूनियन के अध्यक्ष विपिन सिंह ने कहा कि कैब कंपनियां चालकों का शोषण कर रही हैं। चालकों को ही कमीशन नहीं मिल रहा है। सीएनजी के दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं। चालकों को सही कमीशन दिया जाए। उन्होंने सरकार से मांग की कि एग्रीगेटर पाॅलिसी लाकर चालकों की समस्या का समाधान किया जाए। 

ड्राइवरों की प्रमुख मांगें

10 किलोमीटर की राइड का किराया 150 रुपये किया जाए।
चालकों को बीमा और सामाजिक सुरक्षा दी जाए।
फर्जी राइड कैंसिलेशन और पेनाल्टी की व्यवस्था खत्म की जाए।
हर ​हफ्ते बोनस और इंसेंटिव स्कीम फिर से शुरू की जाए।

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