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देव दीपावली पर मनकामेश्वर घाट पर रोशन होंगे 2.51 दीपक, गोमती तट पर होगी महाआरती

देव दीपावली पर मनकामेश्वर घाट एक बार फिर लाखों दीपकों से रोशन होगा। पांच नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर दीपमालाओं से देवताओं का स्वागत इस धरती पर किया जाएगा।

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Deepak Yadav
Dev Diwali

देव दीपावली पर मनकामेश्वर घाट पर रोशन होंगे 2.51 दीपक Photograph: (YBN)

  • गोमती स्वच्छता और और जल संरक्षण का संदेश दिया जाएगा

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। देव दीपावली पर मनकामेश्वर घाट एक बार फिर लाखों दीपकों से रोशन होगा। पांच नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर दीपमालाओं से देवताओं का स्वागत इस धरती पर किया जाएगा। मनकामेश्वर मंदिर में गोमती महोत्सव  के तहत आदि गंगा मां गोमती की महाआरती कर लखनऊवासियों को गोमती स्वच्छता और जल संरक्षण का संदेश दिया जाएगा।

रंगोली एवं बेदी सज्जा प्रतियोगिता होगी

महंत ने बताया कि तीन नवम्बर को दोपहर एक बजे से शाम चार बजे तक विभिन्न शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं की प्रतियोगिताएं होंगी। चार नवम्बर को दोपहर एक से शाम पांच बजे तक छात्राओं और महिलाओं द्वारा रंगोली एवं बेदी सज्जा प्रतियोगिता का आयोजन होगा। इसके बाद श्रद्धालु दीपों को सजाकर घाट को प्रकाशित करेंगे। पांच नवंबर की शाम 5 बजे से देव दीपावली की मुख्य आरती होगी, जिसमें सवा दो लाख से अधिक दीप प्रज्ज्वलित कर देवों का स्वागत किया जाएगा।

मंत्री और अधिकारी किए गए आमंत्रित 

उन्होंने लखनऊवासियों से आह्वान किया कि वे अपने परिवार और मित्रों संग मां गोमती की आरती में शामिल होकर स्वच्छता और जल संरक्षण का संकल्प लें। इस अवसर पर शासन-प्रशासन के अनेक मंत्री एवं अधिकारी भी आमंत्रित किए गए हैं। 

गोमती को राज्य नदी का दर्जा देने की मांग

महंत ने बताया कि पिछले 15 वर्षों से लगतार गोमती स्वच्छता अभियान के तहत मंदिर समिति 'नमोस्तुते मां गोमती' के माध्यम से दीपदान, आरती और जनजागरण कार्यक्रम का आयोजन करती है। इस बार भी तीन दिवसीय महोत्सव के अंतर्गत विविध कार्यक्रम होंगे। उन्होंने गोमती को राज्य नदी का दर्जा दिए जाने की मांग की।

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देव दीपावली क्यों मनाते हैं?

पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया, तो देवताओं ने प्रसन्न होकर काशी में दीप जलाकर इस विजय का उत्सव मनाया था। तभी से कार्तिक पूर्णिमा को ‘देव दीपावली’ के रूप में मनाने की परंपरा आरंभ हुई। इस दिन मंदिरों सहित घरों व घाटों पर दीप जलाकर उत्सव मनाया जाता है।

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