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किसकी शह पर बच रहा है भ्रष्ट, निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश

उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए जिस भ्रष्ट आईएएस अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया है और उसे यूपी एसटीएफ तलाश कर रही है। आखिर उसके ऊपर किसका हाथ है।

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Anupam Singh
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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए जिस भ्रष्ट आईएएस अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया है और उसे यूपी एसटीएफ तलाश कर रही है। आखिर उसके ऊपर किसका हाथ है, जिसे पकड़ने में यूपी एसटीएफ के पसीने छूट रहे हैं। जबकि वहीं दूसरी ओर एसटीएफ ने एक करोड़ की रिश्वत लेने वाले निकांत जैन को गोमतीनगर से बीते 20 मार्च को गिरफ्तार कर लिया था, जिसे एसटीएफ ने मुख्य आरोपी बनाया और उसे कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे जमानत भी मिल गई। यह अलग बात है, उसके ऊपर रंगदारी का दूसरा मुकदमा दर्ज हो गया है। 

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भ्रष्ट आईएएस अभिषेक प्रकाश के खिलाफ लखनऊ जन कल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने शिकायत कर भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाया। उनका मानना है कि भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ सरकार को सख्त नजर रखनी चाहिये, जिससे सरकारें आने वाले अधिकारियों के लिए मिसाल बनें। बहरहाल भ्रष्ट आईएएस अभिषेक प्रकाश लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने अपने खास लोगों को लाभ पहुंचाया और कई संपत्तियां उनके हवाले कीं। इसके बाद बिजिलेंस ने भी भ्रष्ट अधिकारी अभिषेक प्रकाश के खिलाफ जांच शुरू कर दी। इस संदर्भ में विजिलेंस ने एलडीए को पत्र लिखकर आईएएस अभिषेक प्रकाश की संपत्तियों का बिंदुवार ब्यौरा भी तलब किया है। वहीं ईडी ने भी मनी लांड्रिंग का मामला मानते हुए जांच शुरू कर दी है और लखनऊ पुलिस से पूरा ब्यौरा तलब किया है। 

अभी भी अंडर ग्राउंड हैं भ्रष्ट आईएएस अभिषेक प्रकाश

अगर कोई और होता तो पुलिस उसके फरार होने पर ईनाम घोषित कर देती। कुर्की की कार्रवाई कर देती। मगर भ्रष्ट आईएएस पिछले सवा दो महीने से अंडर ग्राउंड और वह पुलिस बचते हुए छिप रहे हैं। ऐसे में लोगों का कहना है कि आखिर आईएएस अभिषेक प्रकाश किसकी छत्रछाया मे हैं, जो योगीराज में अभी तक पुलिस ने उन्हें ढूंढ नहीं पाई। 

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जानें, क्यों निलंबित हुए अभिषेक प्रकाश

सोलर उद्योग के लिए SAEL Solar P6 प्राइवेट लिमिटेड के  प्रतिनिधि विश्वजीत दत्ता ने 20 मार्च को शिकायत दर्ज कराई कि वह सोलर पैनल, सोलर सेल और सोलर प्लांट के पुर्जे बनाने के लिए फैक्ट्री लगाना चाहते थे। मगर 5% कमीशन न देने के कारण उनकी परियोजना पर कार्रवाई नहीं हो रही है। शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि इंवेस्ट यूपी के सीईओ अभिषेक प्रकाश ने उन्हें 'मिस्टर जैन' से मिलने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि जैन साहब की मंजूरी के बिना परियोजना को मंजूरी नहीं मिलेगी। इस मामले में कमेटी की संस्तुति के बावजूद, प्रकरण टाल दिया गया है। शिकायतकर्ता ने निकांत जैन से मिलने पर 5% कमीशन की मांग की। जब कंपनी ने नहीं दिया, तो 12 मार्च 2025 को बैठक में मूल्यांकन समिति ने कंपनी को Letter of Comfort की सिफारिश की। मगर आईएएस अभिषेक प्रकाश ने इसे फिर से जांचने को कहा। मामला मुख्यमंत्री के सामने पहुंचा, जहां जांच के बाद निकांत जैन पर एफआईआर दर्ज हुई और उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। मुख्यमंत्री ने IAS अधिकारी अभिषेक प्रकाश को सस्पेंड कर दिया और विभागीय कार्रवाई का आदेश दिया।

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