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वर्टिकल व्यवस्था का कड़ा विरोध : कर्मचारी संघ का दावा- 3613 ​कर्मियों की जाएगी नौकरी, 1 नवंबर से असहयोग आंदोलन का ऐलान

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड लखनऊ विद्युत संपूर्ति प्रशासन (लेसा) में वर्टिकल व्यवस्था लागू करने जा रहा है। बिजली विभाग के कर्मचारी संगठन इस नई व्यवस्था के विरोध में उतर गए हैं।

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Deepak Yadav
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वर्टिकल व्यवस्था का कड़ा विरोध Photograph: (YBN)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी लखनऊ में एक नवंबर से बिजली व्यवस्था का ढांचा पूरी तरह बदल जाएगा। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (MVVNL) लखनऊ विद्युत संपूर्ति प्रशासन (लेसा) में वर्टिकल व्यवस्था लागू करने जा रहा है। बिजली विभाग के कर्मचारी संगठन इस नई व्यवस्था के विरोध में उतर गए हैं। संगठनों का कहना है कि इस प्रणाली के लागू होने पर साढ़े तीन हजार से ज्यादा संविदा कर्मचारी नौकरी से हटा दिए जाएंगे। यह व्यवस्था बिल्कुल भी कर्मचारी और उपभोक्ता हित में नहीं है। 

वर्टिकल व्यवस्था के खिलाफ प्रदर्शन का ऐलान

उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ ने रविवार को इस सम्बन्ध में तालकटोरा में बैठक की। प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद खालिद ने कहा की पावर कारपोरेशन लखनऊ की बिजली व्यवस्था व राजस्व वसूली को ध्वस्त करने के लिए वर्टिकल व्यवस्था लागू कर रहा है। लखनऊ में बिजली की आपूर्ति और राजस्व वसूली बहुत अच्छी चल रही है। जिससे उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली मिल रही है। विभाग को भी अच्छा राजस्व मिल रहा है। इसके बावजूद भी मध्यांचल की एमडी रिया केजरीवाल लखनऊ कि बिजली व्यवस्था व राजस्व वसूली को ध्वस्त करने में लगी हैं। इस व्यवस्था से लगभग 3613 बिजली आउटसोर्स कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि पावर कॉरपोरेशन वर्टिकल व्यवस्था लागू करने के आदेश को वापस नहीं लेता है तो संगठन एक नवंबर से विरोध प्रदर्शन करते हुए असहयोग आंदोलन शुरू करेगा

बिजली आपूर्ति और राजस्व वसूली होगी प्रभावित

प्रदेश महामंत्री देवेंद्र कुमार पांडेय ने कहा की लखनऊ में कुल लगभग 4620 आउटसोर्स कर्मचारियों को तैनात कर 154 बिजली घरों का परिचालन, लगभग 300 तैंतीस हजार वोल्ट की लाइनों व 1500 ग्यारह हजार वोल्ट की लाइनों और उससे सम्बन्धित हजारों ट्रांसफार्मरों और 440 वोल्ट की लाइनों का अनुरक्षण, राजस्व वसूली, विद्युत विच्छेदन तथा 1 करोड़ 3 लाख 15 हजार 905 उपभोक्ताओं को बिजली सप्लाई करने का काम कराया जा रहा है लेकिन वर्टिकल व्यवस्था में इन कामों के लिए केवल 1007 कर्मचारियों को तैनात किया जा रहा है। जिससे। जहां एक तरफ लगभग 3613 बिजली आउटसोर्स कर्मचारी बेरोजगार होंगे। वहीं दूसरी तरफ उपभोक्ताओं को बिजली संकट का सामना करना पड़ेगा और राजस्व वसूली प्रभावित होगी।

उपकेन्द्रों पर कम किए जायेंगे कर्मचारी

प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेन्द्र पांडेय ने कहा कि वर्तमान व्यवस्था में जिन कार्यों को करने के लिए 33/11 केवी विद्युत उपकेन्द्रों पर 30 कर्मचारियों को तैनात किया गया हैं। उन्ही कार्यों को वर्टिकल व्यवस्था में करने के लिए 6.5 कर्मचारियों को तैनात किया जा रहा है। ऐसे में लखनऊ की बिजली व्यवस्था व राजस्व वसूली प्रभावित होगी। बैठक में सुरेन्द्र बाजपेई, रंजित कन्नौजिया, अरुण यादव, सुभम वर्मा, राकेश पाठक, मुन्ना, अवधेश आदि पदाधिकारियों उपस्थित रहे।

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