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फाइल फोटो
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।आपका बच्चा अगर प्राइवेट वाहन से स्कूल आ और जा रहा है तो सावधान हो जाएं, चूंकि आरटीओ विभाग की तरह से स्कूली वाहनों की जो सूची डाली गई है वह चौंकाने वाली है।शहर में कुल 1915 स्कूल और शैक्षणिक संस्थानों के नाम पर पंजीकृत वाहन हैं, जिनमें से 183 वाहन अपनी निर्धारित 15 साल की उम्र पूरी कर चुके हैं और अब चलने योग्य नहीं हैं। इसके अलावा 258 वाहन ऐसे हैं जिनका या तो फिटनेस प्रमाणपत्र या परमिट समाप्त हो चुका है।
122 वाहनों का खत्म हो चुका है फिटनेस
एआरटीओ प्रशासन प्रदीप कुमार सिंह के अनुसार, इनमें से 122 वाहनों का फिटनेस खत्म हो चुका है जबकि 208 का परमिट नहीं है। कुछ वाहन ऐसे भी हैं जिनमें दोनों ही दस्तावेज अनुपलब्ध हैं। चिंता की बात यह है कि इन अनफिट वाहनों में राजधानी के कई प्रतिष्ठित स्कूलों जैसे सीएमएस, डीपीएस, जयपुरिया, पीजीआई और केजीएमयू से जुड़े वाहन भी शामिल हैं।
ऐसे वाहनों के खिलाफ एक जुलाई से चलेगा विशेष अभियान
वैसे तो परिवहन विभाग ने स्कूल खुलने से पहले सभी वाहन स्वामियों को नोटिस भेजकर दस्तावेज दुरुस्त करने का निर्देश दिया है। 1 जुलाई से 15 जुलाई तक राजधानी में विशेष चेकिंग अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान यदि कोई कंडम या अनफिट वाहन स्कूली बच्चों को ले जाते हुए पाया गया, तो वाहन मालिक के साथ-साथ संबंधित स्कूल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।
लखनऊ में मात्र 1474 वाहन ही परिवहन मानकों पर खरे उतरते
फिलहाल लखनऊ में मात्र 1474 वाहन ही परिवहन मानकों पर खरे उतरते हैं। बाकी सभी वाहन बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं। विभाग का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा से किसी भी तरह का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अभियान के दौरान नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कठोर कार्रवाई तय है।