/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/19/lab-test-report-2025-07-19-16-41-28.jpg)
मरीजों को घर बैठे मिलेगी लैब जांच रिपोर्ट Photograph: (google)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी में मरीजों को लैब जांच रिपोर्ट के लिए अस्पतालों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। उन्हें रिपोर्ट रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेज दी जाएगी। रिपोर्ट मरीजों को जांच के बाद कुछ ही घंटाें में मिल जाएगी। अभी राजधानी के बड़े अस्पतालों में ही यह सुविधा थी। अब प्रदेश के हर जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी मरीजों काे सुविधा मिलेगी।
पीएचआर पोर्टल, एप, एसएमएस और व्हाट्सएप पर मिलेगी रिपोर्ट
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सचिव रितु माहेश्वरी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में जांच के लिए आने वाले मरीजों को जांच रिपोर्ट अब मोबाइल पर उपलब्ध करायी जाएगी। इसके प्रदेश के अस्पतालों में संचालित हॉस्पिटल मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (HMIS) को लैब इंफॉर्मेशन सिस्टम (LIS) से कनेक्ट किया गया है। इसे आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM)के तहत किया गया है। अब मरीज की जांच रिपोर्ट सीधे उसके पर्सनल हेल्थ रिकार्ड (PHR) पोर्टल या मोबाइल एप पर उपलब्ध होगी। इसके साथ ही एसएमएस और व्हाट्सएप के माध्यम से भी रिपोर्ट साझा की जाएगी।
अस्पताल के नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर
उन्होंने बताया कि पहले मरीज को जांच के बाद रिपोर्ट लेने के लिए फिर से अस्पताल जाना पड़ता था, जिसमें समय भी लगता था और इलाज में भी देरी होती थी। कई बार रिपोर्ट खो जाने की स्थिति में दोबारा जांच करानी पड़ती थी। अब एक बार जांच के बाद रिपोर्ट घर बैठे मिल जाएगी। जांच रिपोर्ट सीधे मरीज़ के व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड (PHR)पर भेजी जाएगी। मरीज़ उसे कभी भी कहीं से भी डाउनलोड कर सकते हैं। जांच रिपोर्ट तैयार होने के बाद मरीज़ के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस अलर्ट जाएगा और लिंक भेजा जाएगा, जिससे वह रिपोर्ट देख या डाउनलोड कर सकेंगे।
डॉक्टर्स को नहीं करना पड़ेगा लैब रिपोर्ट का इंतजार
सचिव रितु माहेश्वरी ने बताया कि अस्पताल में भर्ती मरीज़ की रिपोर्ट हॉस्पिटल इंफॉर्मेशन सिस्टम के माध्यम से संबंधित डॉक्टर के पास सीधे पहुंचेगी, जिससे इलाज में देरी नहीं होगी और सटीकता बढ़ेगी। यह सुविधा रिपोर्ट की सटीकता, समयबद्धता और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में विश्वास और दक्षता बढ़ेगी। मरीज़ स्वयं अपनी रिपोर्ट को पीएचआर एप के माध्यम से डाउनलोड कर सकेंगे और आवश्यकता अनुसार अन्य डॉक्टरों या अस्पतालों के साथ साझा कर सकेंगे। वहीं मरीज आभा आईडी के सभी मेडिकल रिकॉर्ड एकीकृत रूप में देख सकते हैं और नियंत्रण में रख सकेंगे। इसे प्रदेश के सभी ज़िला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की प्रयोगशालाओं में लागू किया जा रहा है। बता दें कि वर्तमान में कई अस्पतालों में यह व्यवस्था पहले से ही सक्रिय है और मरीजों को रिपोर्ट मोबाइल एप, एसएमएस और व्हाट्सएप के माध्यम से भेजी जा रही है।
यह भी पढ़ें- टमाटर ने दिखाए तेवर, बारिश की वजह से हरी सब्जियों के दाम बढ़े
यह भी पढ़ें- कृषि फीडर से ही दिए जाएं नलकूप कनेक्शन, UPPCL अध्यक्ष बोले- लापरवाही बर्दाश्त नहीं
यह भी पढ़ें- राष्ट्रीय कराटे चैंपियनशिप में 19 जुलाई से, सात राज्यों के खिलाड़ी दिखाएंगे दम