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लोहिया संस्थान में आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में पुलिस कर्मियों, समाजसेवियों और युवाओं की बड़ी भागीदारी
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राष्ट्रीय रक्तदान दिवस के अवसर पर 5 अक्टूबर 2025 को लखनऊ पुलिस मित्र परिवार ने जीवन बचाने के संकल्प के साथ एक प्रेरक कदम उठाया। संगठन ने डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान स्थित ब्लड बैंक में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित किया, जिसमें 75 से अधिक रक्तदाताओं की उपस्थिति रही। इनमें से 45 रक्तवीरों ने सफलतापूर्वक रक्तदान किया, जबकि 15 लोग स्वास्थ्य कारणों से रक्तदान नहीं कर सके।यह आयोजन संरक्षक कविंद्र प्रताप सिंह (सेवानिवृत्त आईपीएस) के संरक्षण, टीम के संस्थापक जितेंद्र सिंह एवं सरिता सिंह के मार्गदर्शन और लोहिया संस्थान ब्लड बैंक के सहयोग से संपन्न हुआ।विशिष्ट अतिथि डॉ. धर्मेंद्र शर्मा ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि रक्तदान से हम न केवल जीवन बचाते हैं, बल्कि समाज में मानवीय मूल्यों को भी मजबूत करते हैं।
शिविर की शुरुआत प्रथम रक्त वीरांगना शैल वर्मा के रक्तदान से हुई
शिविर की सफलता में टीम के वरिष्ठ पदाधिकारी एवं डायरेक्टर (प्रचार जंक्शन) सत्यम पांडे, कवि कुलदीप किशोर तिवारी ‘कलस’, विशिष्ट मंत्रणा दात्री एवं सेक्टर वार्डन ज्योति खरे, यूपी पुलिस के संजय सिंह, पवन सिंह, नूतन वर्मा, अश्वनी कुमार, वी.के. सिन्हा, प्रशांत बाजपेयी, सुजीत कुमार, बाराबंकी से आशीष सिंह, रिशु गुप्ता, समाजसेविका रुचि मिश्रा, अनुज कुमार श्रीवास्तव, अरुण कुमार गुप्ता, हरिराम वर्मा आदि ने सक्रिय योगदान दिया।कार्यक्रम को ऊर्जा और उत्साह देने में अपने मधुर स्वरों से पवन सिंह और अज़हर भाई ने विशेष भूमिका निभाई।शिविर की शुरुआत प्रथम रक्त वीरांगना शैल वर्मा के रक्तदान से हुई, जिन्हें विशिष्ट अतिथि ने सम्मानित कर प्रोत्साहित किया।
रक्तवीरों ने रक्तदान कर मानव सेवा में योगदान दिया
इस अवसर पर लखनऊ पुलिस मित्र परिवार से जुड़े मनोज कुमार वर्मा, सुधा टंडन, जितेंद्र शर्मा, यूपी पुलिस के अंकुल कुमार, विरेस सिंह, विवेक पोरवाल, एडवोकेट निर्देश दीक्षित, वीर सिंह, शिव प्रकाश सिंह, बाराबंकी के सुनील वर्मा, एडवोकेट रिचा मिश्रा (संस्थापक-निर्मल फाउंडेशन), आसमा खान (संस्थापक-ह्यूमेन फाउंडेशन) सहित अनेक रक्तवीरों ने रक्तदान कर मानव सेवा में योगदान दिया।यह शिविर न केवल तत्काल रक्त की आवश्यकता को पूरा करने का प्रयास था, बल्कि समाज में रक्तदान-महादान की भावना को प्रोत्साहित करने की दिशा में भी एक सशक्त पहल साबित हुआ।
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