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UP Electricity News : पावर ट्रांसमिशन और यूपीएसएलडीसी की दरों का ऐलान, उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ

नियामक आयोग के आदेश के तहत के पावर ट्रांसमिशन अब सभी बिजली कंपनियों और रेलवे से हर महीने प्रति मेगावाट 2,13,284 रुपये ट्रांसमिशन चार्ज वसूल करेगा। अब केवल ओपन एक्सेस उपभोक्तओं को प्रति यूनिट  26 पैसे चार्ज का भुगतान करेंगे।

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Deepak Yadav
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पावर ट्रांसमिशन और यूपीएसएलडीसी की दरों का ऐलान Photograph: (Google)

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  • पहली बार पावर ट्रांसमिशन दरें मेगावाट पर तय

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। विद्युत नियामक आयोग ने सोमवार को वर्ष 2025-26 के लिए उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन लि. और उप्र लोड डिस्पैच सेंटर (यूपीएसएलडीसी) की दरें घोषित कर दी हैं। पहली बार आयोग ने पावर ट्रांसमिशन की दरें प्रति यूनिट के बजाय मेगावाट के आधार पर तय की हैं। इससे पावर ट्रांसमिशन को बड़ा फायदा होगा। इसका सीधा लाभ प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगा। 

कंपनियों व रेलवे से हर महीने वसूली

नियामक आयोग के आदेश के तहत के पावर ट्रांसमिशन अब सभी बिजली कंपनियों और रेलवे से हर महीने प्रति मेगावाट 2,13,284 रुपये ट्रांसमिशन चार्ज वसूल करेगा। अब केवल ओपन एक्सेस उपभोक्तओं को प्रति यूनिट  26 पैसे चार्ज का भुगतान करेंगे। इसके अलावा पावर कापोरेशन के उपकरणों पर होने वाले खर्च का वहन नोएडा पावर कंपनी और रेलवे को करना पड़ेगा। 

टीबीसीबी प्रोजेक्ट में ओपन एक्सेस उपभोक्ता शामिल

पहले टीबीसीबी परियोजना में ओपन एक्सेस उपभोक्ताओं को अनुमति नहीं थी, लेकिन अब उन्हें भी शामिल कर लिया गया है। इस पूरी व्यवस्था से पावर ट्रांसमिशन की कमाई बेहतर होगी। इससे कंपनी अपने उपकरण अपग्रेड करने और उसकी देखरेख के लिए आर्थिक रूप से मजबूत रहेगी। टीबीसीबी के अंतर्गत जो भी लागत आएगी उसका भार नोएडा पावर कंपनी डाटा सेंटर पार्क, अन्य ओपन एक्सेस उपभोक्ता और रेलवे को मिलकर उठाना होगा। पहले इस खर्च का पूरा बोझ सिर्फ पावर कारपोरेशन पर था। इससे सीधे तौर पर उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। 

पावर ट्रांसमिशन की बढ़ेगी कमाई

नियामक आयोग ने पावर ट्रांसमिशन के कुल प्रस्तावित 6279 करोड़ वार्षिक राजस्व आवश्यकता में करीब
 800 करोड़ की कटौती करते हुए 5442 करोड़ मंजूर किया है। इसी तरह टीबीसीबी परियोजना में 2294 करोड़ की जगह 2294 करोड़ की ही स्वीकृति दी है। पावर ट्रांसमिशन के मजबूत होने से आने वाले समय में इसका लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा। वहीं दूसरी ओर विद्युत नियामक आयोग ने यूपीएसएलडीसी का भी शुल्क तय कर दिया है। वर्ष 2025-26 के लिए जो यूपीएसएलडीसी ने प्रति माह 776 रुपये प्रति मेगावाट शुल्क मांगा था, उसे 678.09 प्रति मेगावाट कर दिया गया है। 

पावर कारपोरेशन पर 1797 करोड़ का भार

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पावर ट्रांसमिशन की दरों का आदेश जारी होते ही विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने नियामक आयोग के चेयरमैन व सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर एक प्रस्ताव दाखिल किया। उन्होंने कहा कि अब नियामक आयोग ने पावर ट्रांसमिशन को दो प्रतिशत रिटर्न का इक्विटी (लाभांश) की जगह 14.5 प्रतिशत फायदा देने का एलान कर दिया है। जिससे लगभग 1797 करोड़ रुपये पावर कारपोरेशन के ऊपर भार आएगा। पहले केवल 247 करोड़ का ही भार आता था। 

500 करोड़ तक के प्रोजेक्ट ट्रांसमिशन को देने की मांग

वर्मा ने कहा​ कि ​कानून में ऐसा बदलाव किया जाए कि 500 करोड़ तक टैरिफ बेस कॉम्पिटेटिव बिडिंग (टीबीसीबी) प्रोजेक्ट पावर ट्रांसमिशन ही बनाए। चूंकि उसके पास बजट की कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पावर ट्रांसमिशन जिन कामों को कम लागत पर करता है। वही काम टीबीसीबी महंगी दरों पर कर रहा है। इससे निजी घरानों को लाभ होता है। परिषद की मांग के आधार पर नियामक आयोग ने यूपीएसएलडीसी में नियुक्त कार्मिकों के कौशल विकास एवं सर्टिफिकेशन के लिए प्रोत्साहन देने का भी फैसला किया है।

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