/young-bharat-news/media/media_files/2025/09/14/vertical-system-2025-09-14-20-18-33.jpeg)
वर्टिकल सिस्टम से निजी घरानों को मोटा मुनाफा Photograph: (Google)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। पावर कारपोरेशन राजधानी में निजी कंपनियों की तरह कार्यप्रणाली लाने के लिए वर्टिकल सिस्टम लागू करने की तैयारी कर रहा है। यह प्रणाली प्रदेश के कई बड़े शहरी क्षेत्रों में लागू हो चुकी है। इससे उपभोक्ताओं को जहां परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, आउटसोर्स कर्मियों की नौकरी पर भी खतरा मंडरा रहा है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस नई व्यवस्था पर कड़ी आपत्ति जताई है।
फ्रेंचाइजी के जरिए मुनाफे का खेल
परिषद ने आरोप लगाया कि वर्टिकल सिस्टम में मुनाफे वाले काम फ्रेंचाइजी के जरिए निजी घरानों को दिए जाएंगे। केस्को कानपुर, अलीगढ़, मेरठ, बरेली में वर्टिकल सिस्टम से उपभोक्ताओं को कोई फायदा नहीं मिल रहा है। बल्कि यह व्यवस्था उनके लिए और मुश्किल पैदा कर रही है। वर्टिकल सिस्टम की आड़ में निजीकरण की प्रकिया को आगे बढ़ाने की साजिश की जा रही है।
वर्टिकल सिस्टम से उपभोक्ता परेशान
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि नियामक आयोग की अनुमति के बिना ऐसी कोई व्यवस्था आगे नहीं बढ़ाई जा सकती। उन्होंने कहा कि पहले पावर कारपोरेशन को निजीकरण पर मुंह की खानी पड़ी। फिर बिजली चोरी के जुर्मान में 65 प्रतिशत की छूट में सफलता नहीं मिली। प्रदेश में मुआवजा कानून और बिलिंग व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं लागू हो पाई। स्मार्ट प्रीपेड मीटर का हाल सभी के सामने है। अब पावर कारपोरेशन वर्टिकल सिस्टम का प्रयोग कर रहा है। इससे भी कोई अपेक्षित सुधार नहीं हुआ।
यूपीपीसीएल को वर्टिकल व्यवस्था में बदला जाए
वर्मा ने कहा कि सरकार को सबसे पहले पावर कारपोरेशन प्रबंधन को वर्टिकल व्यवस्था में तब्दील कर देना चाहिए। पिछले कई वर्षों से जमे अफसरों की जवाबदेही तय होनी चाहिए कि इतने सालों में क्या रिजल्ट दिया। पावर कारपोरेशन की गलत नीतियों से अभियंता वीआरएस और नौकरी छोड़ने को मजबूर हैं। कई निदेशक इस्तीफा दे चुके हैं। अब केस्को के एक निदेशक भी नौकरी से इस्तीफा देकर जा रहे हैं।
यह भी पढ़ें- बिजली इंजीनियरों ने सीएम से मांगा तोहफा, बोले- अभियंता दिवस पर निजीकरण का फैसला हो रद्द
Electricity Privatisation | UPRVUP