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रिसर्च : 39 इंच से ज्यादा मोटी कमर खतरे की घंटी, बढ़ा सकता है डायबिटीज का रिस्क

अगर आपकी कमर का साइज एक लिमिट से ज्यादा है तो सतर्क हो जाइए। पुरुषों में कमर का माप 100 सेंटीमीटर यानी 39 इंच और महिलाओं में 90 सेंटीमीटर से ज्यादा होने पर मधुमेह होने का खतरा बढ़ जाता है।

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Deepak Yadav
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39 इंच से ज्यादा मोटी कमर खतरे की घंटी Photograph: (Google)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।: Health News:  अगर आपकी कमर का साइज एक लिमिट से ज्यादा है तो सतर्क हो जाइए। पुरुषों में कमर का माप 100 सेंटीमीटर यानी 39 इंच और महिलाओं में 90 सेंटीमीटर से ज्यादा होने पर मधुमेह होने का खतरा बढ़ जाता है। केवल कमर ही नहीं, उम्र, पारिवारिक इतिहास और शारीरिक गतिविधि भी मधुमेह के जोखिम से सीधे तौर पर जुड़े हैं। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय केजीएमयू और लखनऊ विश्वविद्यालय लवि ने भारतीय मधुमेह जोखिम स्कोर (Indian Diabetes Risk Score) के आधार पर लखनऊ और आसपास के क्षेत्र का अध्ययन किया है।

795 लोगों पर किया गया अध्ययन 

यह अध्यन इंटरनेशनल जर्नल ऑफ डायबिटीज इन डेवलपिंग कंट्रीज के ताजा अंक में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन में  डॉ. कोमल अवस्थी, डॉ. प्रत्यूष सिंह, डॉ. अश्विनी शुक्ला डॉ. मोनीषा बनर्जी और डॉ. कौसर उस्मान  शामिल हुए। फरवरी से अगस्त 2023 के बीच लखनऊ और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले 795 लोगों को अध्ययन में शामिल किया गया। भारतीय जोखिम स्कोर के आधार पर इनमें मधुमेह के जोखिम के स्तर का आकलन किया गया। इन्हें निम्न, मध्यम और उच्च जोखिम वर्ग में बांटा गया। 60 से ज्यादा स्कोर को उच्च जोखिम, 30 से 50 को मध्यम और 30 से कम को निम्न जोखिम में माना गया।

उच्च जोखिम वर्ग में 18.5 प्रतिशत आबादी

अध्ययन में 18.5 प्रतिशत आबादी उच्च जोखिम वर्ग में पाई गई। इस श्रेणी में पुरुष और वृद्धों की संख्या ज्यादा थी। व्यक्ति का जेंडर, बॉडी मॉस इंडेक्स, मधुमेह का पारिवारिक इतिहास, शारीरिक गतिविधि और कमर की मोटाई भी उच्च जोखिम के लिए जिम्मेदार मिले।

देश में डायबिटीज के करीब 15 करोड़ मरीज

अध्ययन के मुताबिक, देश में डायबिटीज के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस समय देश में डायबिटीज के करीब सात लाख 40 हजार मरीज हैं। इसके अलावा करीब सात लाख से ज्यादा मरीज प्री-डायबिटीज की श्रेणी में हैं।

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सात बजे तक रात का खाना खाने से घटता है जोखिम

केजीएमयू के इंडोक्राइनोलॉजी विभाग में वर्ष 2024 में हुए अध्ययन के अनुसार, रात का खाना सात बजे तक खा लेने से वजन और मधुमेह दोनों बढ़ने का जोखिम कम हुआ। ऐसे मे रात का खाना जल्दी खाने से मधुमेह का जोखिम भी कम होता है।

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