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फाइल फोटो।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।राजधानी में एक चौंकाने वाला साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया है, जिसमें एक सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारी को खुद को जम्मू-कश्मीर एटीएस का अधिकारी बताकर सात दिन तक मानसिक दबाव में रखा गया और लगभग 28.45 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। यह घटना विकासनगर थाना क्षेत्र के सेक्टर-5 निवासी 74 वर्षीय नरेंद्र कुमार मिश्र के साथ हुई, जो 2022 में इंडियन ओवरसीज बैंक से कैशियर के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।
देशद्रोह का आरोप लगाकर धमकाया
घटना की शुरुआत 28 जून को एक अनजान नंबर से आए फोन कॉल से हुई। कॉलर ने खुद को "जम्मू-कश्मीर एटीएस का वरिष्ठ अधिकारी" बताते हुए नरेंद्र पर आरोप लगाया कि उनके मोबाइल से "सेना के गुप्त दस्तावेज पाकिस्तान भेजे गए हैं" और अब वे देशद्रोह के आरोप में जांच के घेरे में हैं। कॉल के बाद नरेंद्र को एक व्हाट्सएप वीडियो कॉल भी आई, जिसमें वर्दीधारी युवक ने खुद को प्रेम कुमार गौतम, एटीएस चीफ बताया।
नरेंद्र से दो बार में ठग लिए 28.45 लाख
साइबर ठगों ने नरेंद्र को इस बात का डर दिखाया कि उन पर मुकदमा दर्ज हो चुका है और पूछताछ के दौरान उन्हें किसी से बात नहीं करनी है यह आदेश डिजिटल अरेस्ट के रूप में थोप दिया गया। इस दौरान वे लगातार मानसिक तनाव में रखे गए और हर गतिविधि पर नजर रखने की धमकी दी गई।ठगों ने बात को सुलझाने के नाम पर नरेंद्र को दो बार में कुल 28.45 लाख रुपये आरटीजीएस के जरिए अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करने के लिए मजबूर कर दिया। भुगतान के बाद न तो कोई कॉल आई, न ही कोई जवाब मिला। साथ ही संपर्क पूरी तरह से खत्म कर दिया गया।
पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर शुरू की जांच
आहत नरेंद्र कुमार ने अब जाकर साइबर क्राइम थाने में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई। इंस्पेक्टर ब्रजेश कुमार यादव ने बताया कि पीड़ित द्वारा ट्रांसफर की गई रकम के बैंक खातों का ब्योरा खंगाला जा रहा है और जिन मोबाइल नंबरों से कॉल आए, उन्हें ट्रेस किया जा रहा है। ताकि साइबर ठगों को पकड़ा जा सके।
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