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Crime News: सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी बने साइबर ठगी के शिकार, फर्जी पेंशन सर्टिफिकेट अपडेट के नाम पर उड़ाए 4.86 लाख रुपये

लखनऊ में पीएनबी से सेवानिवृत्त चीफ मैनेजर अरूप घोष साइबर ठगी का शिकार हुए। अज्ञात व्यक्ति ने खुद को बैंक अधिकारी बताकर उन्हें पेंशन लाइफ सर्टिफिकेट अपडेट के नाम पर “एपीके” फाइल भेजी, जिससे मोबाइल हैक हो गया और 4.86 लाख की निकासी कर ली गई।

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Shishir Patel
Online Scam

साइबर ठगी

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी में साइबर अपराधियों ने एक और बुजुर्ग बैंक अधिकारी को अपना निशाना बना लिया। इंदिरानगर के रविंद्रपल्ली निवासी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से सेवानिवृत्त चीफ मैनेजर अरूप घोष के मोबाइल को हैक कर शातिरों ने उनके क्रेडिट कार्ड से 4.86 लाख रुपये उड़ा लिए। धोखेबाजों ने खुद को बैंक का अधिकारी बताकर पेंशन लाइफ सर्टिफिकेट अपडेट करने का झांसा दिया और उनके फोन में एक खतरनाक एपीके फाइल इंस्टॉल करा दी।गाजीपुर थाना पुलिस ने इस मामले में आईटी एक्ट की धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पेंशन अपडेट के नाम पर भेजा झांसे का लिंक

70 वर्षीय अरूप घोष ने पुलिस को बताया कि उनका खाता पीएनबी की विवेकखंड शाखा में है और वहीं से उन्हें क्रेडिट कार्ड भी जारी किया गया था। बीते 28 अक्टूबर को उन्हें एक अज्ञात नंबर से फोन आया। कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को रजत वर्मा, मैनेजर पेंशन विभाग, पीएनबी प्रधान कार्यालय’ बताया। उसने कहा कि बैंक में पेंशन लाइफ सर्टिफिकेट अपडेट करना अनिवार्य है, इसलिए उन्हें एक लिंक और एपीके फाइल भेजी जा रही है, जिसे डाउनलोड कर भरना होगा।अरूप घोष ने बताया कि उस समय उनका मोबाइल ठीक से काम नहीं कर रहा था। कॉल के दौरान गलती से उन्होंने भेजी गई फाइल पर क्लिक कर दिया। फाइल खुलते ही मोबाइल अचानक बंद हो गया। उन्होंने फोन रीस्टार्ट करने की कोशिश की लेकिन वह चालू नहीं हुआ।

मोबाइल खुलते ही उड़ गए लाखों रुपये

तीन दिन बाद यानी 31 अक्टूबर को जब उनका मोबाइल दोबारा चालू हुआ तो उन्हें क्रेडिट कार्ड से 4.86 लाख रुपये की निकासी के संदेश दिखे। घबराकर उन्होंने तुरंत कार्ड ब्लॉक कराया। इसके बाद कुछ दिनों तक वे शहर से बाहर रहे। लौटने पर 9 नवंबर को उन्होंने गाजीपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई।

साइबर सेल कर रही जांच, रकम फ्रीज कराने की कोशिश

थाना प्रभारी राजेश कुमार मौर्य ने बताया कि मामला साइबर सेल को जांच के लिए सौंपा गया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि ठगों ने ‘एपीके’ फाइल के जरिए मोबाइल का रिमोट एक्सेस हासिल कर लिया था, जिससे उन्हें क्रेडिट कार्ड की जानकारी मिल गई। पुलिस संबंधित बैंक से ट्रांजैक्शन ट्रेल मंगवा रही है और कुछ खातों में ट्रांजैक्शन की गई रकम को फ्रीज कराने की प्रक्रिया चल रही है।

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पुलिस की अपील – अज्ञात लिंक या एप न खोलें

पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल या लिंक पर भरोसा न करें, खासकर जब वह बैंक, पेंशन या केवाईसी अपडेट से जुड़ा हो। किसी भी प्रकार की जानकारी साझा करने से पहले बैंक के आधिकारिक हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क अवश्य करें।

ठाकुरगंज में महिला रियल एस्टेट कर्मी पर ठगी और अश्लीलता

Crime News:  ठाकुरगंजथाने में उन्नाव निवासी महिला रियल एस्टेट कर्मी ने एक गंभीर मामले में शिकायत दर्ज कराई है। महिला का आरोप है कि ट्रैवल एजेंसी संचालक और उसके दो साथियों ने उन्हें 2.55 लाख रुपये की ठगी की और बाद में अश्लीलता का शिकार बनाया। पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने शुरुआती शिकायत पर दबाव डालकर सुनवाई नहीं की।पीड़िता ने पुलिस को बताया कि 1 फरवरी को उनकी मुलाकात ठाकुरगंज के बालागंज स्थित जमजम ट्रैवल एजेंसी में हुई। एजेंसी के मालिक इरफान और आजमगढ़ के मुबारकपुर निवासी अबु साद के साथ-साथ आजमगढ़ के बैंसपुर निवासी अफरोज भी वहां मौजूद थे। तीनों ने महिला को बताया कि वे लोगों को खाड़ी देशों में भेजने का काम करते हैं।

आरोपियों ने उन्हें फर्जी वीजा दे दिया

पीड़िता ने अपनी रियल एस्टेट कंपनी के तीन ग्राहकों सर्वेश कुमार, रविकांत और राज नारायण के पासपोर्ट आरोपियों को सौंप दिए। इसके बाद 15 फरवरी से 7 अप्रैल के बीच उन्होंने आरोपियों के खाते में कुल 2.55 लाख रुपये ट्रांसफर किए।लेकिन जब एजेंसी ने कोई काम नहीं किया, तो पीड़िता ने उनसे पैसे लौटाने का दबाव बनाना शुरू किया। आरोपियों ने उन्हें फर्जी वीजा दे दिया। विरोध जताने पर आरोपियों ने 24 अप्रैल को हरि नगर, ठाकुरगंज स्थित एक मकान बुलाया। वहां उन्होंने पीड़िता के साथ अश्लील हरकतें कीं। पीड़िता की चीख सुनकर पड़ोसी वहां पहुंचे और आरोपियों को भागना पड़ा।

आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के प्रयास जारी

पीड़िता ने जब ठाकुरगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई तो उनकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज कराई। डीसीपी पश्चिमी विश्वजीत श्रीवास्तव के आदेश पर पुलिस ने अब मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है।पुलिस ने बताया कि मामला ठगी, धोखाधड़ी और महिलाओं के खिलाफ अपराध के तहत दर्ज किया गया है। आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध एजेंसी या व्यक्तियों पर भरोसा करने से पहले सटीक जानकारी हासिल करें और किसी भी तरह की धनराशि हस्तांतरण करने से पहले सावधानी बरतें।

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