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आरटीई नियमों की अनदेखी पर लखनऊ के चार स्कूलों अंतिम नोटिस
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी लखनऊ में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम (RTE) 2009 के अंतर्गत शत-प्रतिशत दाखिले को लेकर जिला प्रशासन ने सख्त तेवर अपनाए हैं। अब तक दाखिला प्रक्रिया में लापरवाही बरतने वाले नामचीन निजी स्कूलों को अंतिम चेतावनी जारी की गई है। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी और उनकी मान्यता रद्द करने की कार्रवाई भी की जाएगी।
स्कूलों की रद्द की जाएगी मान्यता
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 27 जून को हुई बैठक में बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) सहित अन्य शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि RTE अधिनियम की धारा 12 (1)(ग) के तहत नामांकित बच्चों को तत्काल स्कूलों में दाखिला दिया जाए। निर्देशों की अवहेलना करने पर संबंधित स्कूलों के प्रबंधक और प्रधानाचार्य के विरुद्ध नामजद एफआईआर दर्ज की जाएगी और मान्यता निरस्त करने की सिफारिश की जाएगी।
इन स्कूलों पर कार्रवाई की तैयारी
प्रशासन जिन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी में है, उनमें लखनऊ के चार प्रमुख निजी स्कूल शामिल हैं-सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल, गोमती नगर सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (CMS), बाल गाइड स्कूल और जीडी गोयनका स्कूल, लखनऊ। इन स्कूलों पर यह आरोप है कि इन्होंने निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार (RTE) अधिनियम के तहत नामित बच्चों को अपेक्षित संख्या में दाखिला नहीं दिया है या फिर दाखिला प्रक्रिया में लगातार लापरवाही बरती है।
95 प्रतिशत बच्चों का हुआ नामांकन
बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार, लखनऊ में RTE के तहत कुल 17 हजार 570 बच्चों का नामांकन तय हुआ था। अब तक इनमें से करीब 95 प्रतिशत बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिलाया जा चुका है। वहीं लगभग तीन हजार अभिभावकों ने निजी कारणों से अपने बच्चों का नामांकन रद्द करवा दिया, जिन्हें अलग से सूचीबद्ध किया गया है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लखनऊ जिले में जिलाधिकारी के नेतृत्व में चल रही निगरानी और समीक्षा प्रक्रिया के चलते यह जनपद पूरे प्रदेश में RTE नामांकन के मामले में सबसे आगे है। उम्मीद की जा रही है कि अगले कुछ दिनों में शत-प्रतिशत दाखिला लक्ष्य भी पूरा कर लिया जाएगा।