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RTE : निजी स्कूलों में दाखिला कराने में श्रावस्ती अव्वल, गोंडा दूसरे और बस्ती तीसरे स्थान पर

सरकार प्रदेश के सभी बच्चों को समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए लगातार प्रयासरत है। आरटीई के तहत गरीब बच्चों का निजी स्कूलों में दाखिला सुनिश्चित किया जा रहा है।

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Abhishek Mishra
RTE Admission

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लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। योगी सरकार प्रदेश के बच्चों को समान शिक्षा का अधिकार देने एवं तकनीक के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए लगातार युद्धस्तर पर कार्य कर रही है। पिछली सरकारों में बदहाली का शिकार रहे सरकारी स्कूल आज प्राइवेट स्कूलों को भी फेल कर रहे हैं। इसके साथ ही सरकार ने गरीब बच्चों को शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में दाखिला दिलाने की दिशा में प्रभावी कदम उठाये हैं। 

गरीब बच्चों का निजी स्कूलों में दाखिला

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही जनता दर्शन में मुरादाबाद की एक बच्ची का निजी स्कूल में नि:शुल्क दाखिला कराया और पढ़ाई का खर्च भी उठाया है। इतना ही नहीं प्रदेश में प्राथमिकता के आधार पर गरीब बच्चों का आरटीई के तहत निजी स्कूलों में दाखिला कराया जा रहा है। इस कड़ी में पूरे प्रदेश में श्रावस्ती ने आरटीई के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों का दाखिला कराने में पहला स्थान प्राप्त किया है जबकि गोंडा दूसरे और बस्ती तीसरे स्थान पर है। 

465 बच्चों का दाखिला निजी स्कूलों में कराने का लक्ष्य

श्रावस्ती जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि श्रावस्ती में शिक्षा व्यवस्था को सशक्त करने के प्रयास लगातार जारी हैं। ऐसे में बच्चों को आरटीई (Right to Education)के तहत स्कूलों में दाखिला दिलाने के लिए कई उठाए गए हैं। बच्चों को समान शिक्षा का अधिकार देने के उद्​देश्य से व्यापक अभियान चलाया गया। उन्होंने बताया कि शैक्षिक सत्र 2025-26 में श्रावस्ती को 465 बच्चों का दाखिला निजी स्कूलों में कराने का लक्ष्य दिया गया था। इसके सापेक्ष 460 बच्चों का निजी स्कूलों में दाखिला कराया गया है, जिसका रेश्यो 98.92 प्रतिशत है। इसी के साथ पूरे प्रदेश में आरटीई के तहत लक्ष्य के सापेक्ष सबसे अधिक निजी स्कूलों में दाखिला कराने में श्रावस्ती ने बाजी मारते हुए पहला स्थान प्राप्त किया है। 

93.57 प्रतिशत का हुआ दाखिला

गोंडा जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि शैक्षिक सत्र 2025-26 में गोंडा को 2079 बच्चों का दाखिला निजी स्कूलों में कराने का लक्ष्य दिया गया था। इसके सापेक्ष 1975 बच्चों का निजी स्कूलों में दाखिला कराया गया है, जिसका रेश्यो 95 प्रतिशत है। इसी के साथ पूरे प्रदेश में आरटीई के तहत लक्ष्य के सापेक्ष निजी स्कूलों में दाखिला कराने में गोंडा ने दूसरा स्थान प्राप्त किया है। इसी तरह बस्ती ने 591 लक्ष्य के सापेक्ष 553 बच्चों का दाखिला कराकर तीसरा स्थान प्राप्त किया है, जिसका रेश्यो 93.57 प्रतिशत है। वहीं फिरोजाबाद ने 4,358 लक्ष्य के सापेक्ष 4,060 बच्चों का दाखिला कराकर चौथा स्थान प्राप्त किया है, जिसका रेश्यो 93.16 प्रतिशत है। वहीं बलरामपुर पांचवें स्थान पर है, जहां 771 लक्ष्य के सापेक्ष 712 बच्चों का दाखिला कराया गया। इसका रेश्यो 92.35 प्रतिशत है। 

25 प्रतिशत सीटें आरक्षित 

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आरटीई के तहत पात्रता श्रेणी में आने वाले अभिभावकों से उनके बच्चों के प्रवेश के लिए आवेदन मांगे जाते हैं। फिर आवेदन पत्रों की जांच के बाद लॉटरी के माध्यम से बच्चों का चयन किया जाता है। यह प्रक्रिया चार चरणों में होती है। इसके बाद चयनित बच्चे का दाखिला कराया जाता है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें दुर्बल आय वर्ग व अलाभित समूह के बच्चों के लिए आरक्षित हैं। प्रति वर्ष सरकार लॉटरी के माध्यम से बच्चों का प्रवेश इन विद्यालयों में कराती है। आरटीई के तहत बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च सरकार वहन करती है। बच्चों की फीस के भुगतान के अलावा सरकार किताब-कॉपी के लिए भी अभिभावकों को पांच हजार रुपये की धनराशि देती है।

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