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संघर्ष समिति की सीएम से अपील : ज्वाइंट वेंचर से यूपी में महंगी होगी बिजली, उत्पादन निगम को दी जाएं नई इकाइयां

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने उत्तर प्रदेश में ओबरा और अनपरा में नई बिजली इकाइयों को ज्वाइंट वेंचर के बजाय राज्य विद्युत उत्पादन निगम को सौंपने की मांग की है।

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Deepak Yadav
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ज्वाइंट वेंचर से यूपी में महंगी होगी बिजली Photograph: (Google)

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने उत्तर प्रदेश में ओबरा और अनपरा में नई बिजली इकाइयों को ज्वाइंट वेंचर के बजाय राज्य विद्युत उत्पादन निगम को सौंपने की मांग की है। समिति ने दावा किया किया कि ऐसा करने से बिजली की उत्पादन लागत में 35 से 40 पैसे प्रति यूनिट की कमी आएगी। यह मांग मध्य प्रदेश सरकार के हाल ही में लिए गए एक निर्णय के बाद उठाई गई है। उसने अमरकंटक बिजली घर में ज्वाइंट वेंचर को समाप्त कर दिया है। नई इकाई को अपने उत्पादन निगम को सौंपने का फैसला किया है।

मध्य प्रदेश सरकार के फैसले का हवाला 

समिति ने मध्य प्रदेश सरकार के 28 मार्च 2023 के फैसले का हवाला दिया है। उसमें अमरकंटक ताप बिजली घर में 660 मेगावाट की नई बिजली इकाई एसईसीएल (कोल इंडिया लिमिटेड) के साथ में ज्वाइंट वेंचर लगाने का फैसला किया गया था। हालांकि ढाई साल बाद मध्य प्रदेश के बिजली कर्मचारियों के विरोध के चलते कैबिनेट ने निर्णय को संशोधित किया, अब परियोजना को राज्य के विद्युत उत्पादन निगम को देने का निर्णय किया है।

ज्वाइंट वेंचर लगाने से होगा विवाद

संघर्ष समिति ने बताया कि मध्य प्रदेश की तरह उत्तर प्रदेश सरकार ने 27 जुलाई 2023 को 2×800 ओबरा डी और 2×800 अनपरा ई ताप बिजली परियोजनाओं को ज्वाइंट वेंचर में एनटीपीसी के साथ लगाने का निर्णय लिया था। एक की परिसर में राज्य के उत्पादन निगम की पहले से चल रही इकाइयों के साथ ज्वाइंट वेंचर को लगाना देश में कहीं नहीं हुआ है, जो विवाद का कारण है।

मध्य प्रदेश में ज्वाइंट वेंचर रद्द

संघर्ष समिति ने मध्य प्रदेश सरकार द्वारा ज्वाइंट वेंचर रद्द करने के पीछे बताए गए छह मुख्य बिंदुओं का उल्लेख किया। उसने बताया कि परियोजनाएं राज्य के उत्पादन निगम द्वारा बनाई जाती हैं, तो कई साझा सुविधाओं के कारण उत्पादन लागत 35-40 पैसे प्रति यूनिट तक कम हो जाएगी। समिति ने आगे कहा कि एक परिसर में दो अलग स्वामित्व वाली परियोजनाएं होने से भविष्य में परिचालन संबंधी दिक्कतें और कानूनी विवाद उत्पन्न हो सकते हैं।

मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की अपील

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संघर्ष समिति ने बताया कि ओबरा डी और अनपरा ई परियोजनाओं के लिए कोयला खदान के पास से लिंकेज नहीं मिला है। इससे कोयले को 500-700 किलोमीटर दूर से लाना पड़ेगा, जिससे ज्वाइंट वेंचर में बिजली की लागत बहुत बढ़ जाएगी। इसके अलावा एक ही परिसर में राख का निपटान बड़ी चुनौती होगी। समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तत्काल मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है। मध्य प्रदेश सरकार ने अपना निर्णय बदला, वही स्थितियां उत्तर प्रदेश में भी हैं। ज्वाइंट वेंचर निरस्त करने में देरी पर ओर अधिक नुकसान होने की संभावना है।

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