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योगी सरकार बनाएगी यूपी आउटसोर्स सेवा निगम
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। प्रदेश के लाखों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को योगी सरकार ने बड़ी राहत दी है। आउटसोर्स भर्ती में अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़े, महिलाएं, दिव्यांग और पूर्व सौनिकों को आरक्षण के दायरे में लाया गया है। इसके लिए योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UPCOS) के गठन को मंजूरी दे दी है। निगम न केवल श्रमिकों के पारिश्रमिक और सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देगा, बल्कि आउटसोर्सिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित करेगा।
मंडल-जिला स्तर पर समितियों का गठन
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आउटसोर्स सेवा निगम कंपनी एक्ट के तहत गठित किया जाए और इसके संचालन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स तथा एक महानिदेशक की नियुक्ति की जाए। साथ ही मंडल और जिला स्तर पर समितियों का गठन भी किया जाएगा।
वर्तमान व्यवस्था में अनेक खामियां
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि वर्तमान आउटसोर्सिंग व्यवस्था में अनेक खामियां हैं-जैसे समय पर वेतन न मिलना, वेतन कटौती, ईपीएफ/ईएसआई का लाभ न मिलना, और पारदर्शिता की कमी। इन समस्याओं के समाधान के लिए एक केंद्रीकृत और नियमबद्ध व्यवस्था आवश्यक है। सीएम ने यह भी कहा कि एजेंसियों का चयन GeM पोर्टल के माध्यम से न्यूनतम तीन वर्षों के लिए किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों की सेवाएं बाधित न हों। अनुभव के आधार पर चयन प्रक्रिया में उन्हें वेटेज भी दिया जाएगा।
रेगुलेटरी बॉडी के रूप में कार्य करेगा निगम
सरकार ने निर्देश जारी किए हैं कि सभी आउटसोर्स कर्मचारियों का वेतन प्रत्येक माह की 5 तारीख तक सीधे उनके बैंक खातों में भेजा जाए और EPF व ESI की राशि समय पर जमा हो। कर्मचारियों को इन योजनाओं से जुड़े सभी लाभ समयबद्ध ढंग से दिए जाएं। निगम को एक रेगुलेटरी बॉडी के रूप में भी कार्य करने का अधिकार होगा, जो आउटसोर्सिंग एजेंसियों की निगरानी करेगा और नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई करेगा, जिसमें ब्लैकलिस्टिंग और डिबारमेंट जैसे कठोर कदम शामिल होंगे।
नियमित पदों पर नहीं होगी नियुक्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि नियुक्तियों में SC, ST, OBC, EWS, महिलाओं, दिव्यांगजनों और पूर्व सैनिकों को आरक्षण का पूरा लाभ दिया जाएगा। इसके साथ ही निराश्रित, तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को भी प्राथमिकता दी जाएगी। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि नियमित पदों पर आउटसोर्स कर्मियों की नियुक्ति नहीं की जाएगी और किसी भी कर्मचारी को हटाने से पहले संबंधित विभाग के सक्षम अधिकारी की संस्तुति अनिवार्य होगी।
कर्मियों के अधिकारों की रक्षा करेगा निगम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक कर्मचारी की गरिमा, सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। "यूपी आउटसोर्स सेवा निगम" प्रदेश में एक नई प्रशासनिक संस्कृति की शुरुआत करेगा, जिससे न केवल कर्मचारियों को लाभ मिलेगा बल्कि शासन व्यवस्था भी और अधिक दक्ष और पारदर्शी बनेगी।
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