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UP Cabinet Decisions Photograph: (google)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी से उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले छात्रों के लिए खुशखबरी है। बृहस्पतिवार को योगी कैबिनेट ने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी-चिवनिंग उत्तर प्रदेश राज्य सरकार छात्रवृत्ति योजना समेत 19 प्रस्तावों को मूंजरी दी। यह योजना प्रदेश के मेधावी छात्रों को यूनाइटेड किंगडम (यूके) में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगी। इसके अलावा दो सप्लीमेंटरी प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई है। इन प्रस्तावों में केजीएमयू की कार्यपरिषद में एससी-ओबीसी को प्रतिनिधित्व और प्रदेश दो निजी विश्वविद्यालयों को हरी झंडी दी गई। 62 जिलों में खराब राजकीय नलकूपों को रीबोर कराने के प्रस्ताव को मूंजरी दी गई है। वहीं एफआरबी एक्ट की सीमा 3 से 3.5 कर दी गई है।
प्रदेश के छात्रों के लिए खुलेंगे वैश्विक शिक्षा के द्वार
राज्य सरकार इस योजना के तहत प्रत्येक छात्र के लिए लगभग £19,800 (लगभग ₹23 लाख) का खर्च वहन करेगी। कुल अनुमानित खर्च £38,048 से £42,076 के बीच होगा, जिसमें शेष धनराशि का प्रबंध एफसीडीओ यूके द्वारा किया जाएगा। प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय के अनुसार, यह योजना उत्तर प्रदेश के छात्रों के लिए वैश्विक शिक्षा के द्वार खोलेगी और उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रतिस्पर्धा करने का अवसर देगी।
मुख्य बिंदु एक नजर में
- योजना का नाम : भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी-चिवनिंग यूपी राज्य सरकार छात्रवृत्ति योजना
- शुरुआत : शैक्षणिक सत्र 2025-26 से
- अवधि : तीन वर्ष (2025-2028)
- लाभार्थी : हर वर्ष 5 छात्र
- कुल खर्च : £38,000–£42,000 प्रति छात्र
- यूपी सरकार का अंशदान : £19,800 ( ₹23 लाख)
- सहयोगी संस्था : एफसीडीओ यूके
औद्योगिक आस्थान और लेदर फुटवियर नीति को मिली मंजूरी
योगी कैबिनेट ने प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से दो महत्वपूर्ण नीतियों को मंजूरी दी है। एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री राकेश सचान ने निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दोनों नीतियों से न केवल औद्योगिक आधारभूत ढांचे को मजबूती मिलेगी, बल्कि लाखों युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे। उप्र सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम औद्योगिक आस्थान प्रबंधन नीति के अंतर्गत अब औद्योगिक भूखंडों, शेडों का आवंटन लीज-रेंट के आधार पर ई-ऑक्शन से किया जाएगा। भूखंडों की दर क्षेत्रवार तय की गई है, जिसमें पश्चिमांचल में 3000 रुपये, मध्यांचल में 2500 रुपये और पूर्वांचल बुंदेलखंड में 2000 रुपये प्रति वर्गमीटर आरक्षित मूल्य रखा गया है। इसके साथ ही हर वर्ष 5 प्रतिशत की दर से मूल्य वृद्धि होगी। दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश फुटवियर, लेदर और नॉन-लेदर क्षेत्र विकास नीति-2025 को भी स्वीकृति दी गई है। इस नीति के जरिए निर्यात में बढ़ोतरी, तकनीकी उन्नयन, और रोजगार सृजन के लिए विशेष प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। कुशल श्रमिकों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम भी संचालित होंगे। इस नीति से घरेलू और विदेशी निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में नामांतरण-संशोधन प्रक्रिया होगी आसान
कैबिनेट ने ग्रामीण आबादी के दस्तावेजों को अपडेट करने की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए उत्तर प्रदेश ग्रामीण आबादी अभिलेख विधेयक-2025 को मंजूरी दी है। यह विधेयक स्वामित्व योजना के तहत तैयार की गई घरौनियों (मालिकाना दस्तावेज) में नामांतरण, संशोधन और अपडेट की प्रक्रिया को आसान बनाएगा। इससे अब वरासत, विक्रय, उपहार, वसीयत, नीलामी, अदालत के आदेश या पारिवारिक समझौते के आधार पर नाम बदलवाना आसान होगा। राजस्व निरीक्षक और तहसीलदार, नायब तहसीलदार को साफ-सुथरे मामलों में घरौनी अपडेट करने का अधिकार मिलेगा। लिपिकीय त्रुटि या मोबाइल नंबर-पते में सुधार के लिए भी अब आवेदन किया जा सकेगा। अब तक प्रदेश में 1.06 करोड़ से अधिक घरौनियां तैयार हो चुकी हैं, जिनमें से 1.01 करोड़ से अधिक का वितरण हो चुका है।
दो नए निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना को मंजूरी
योगी कैबिनेट ने दो नए निजी विश्वविद्यालयों केडी विवि (मथुरा) और बोधिसत्व विश्वविद्यालय (बाराबंकी) की स्थापना के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। इन विश्वविद्यालयों की स्थापना उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 के तहत की जा रही है। केडी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए राजीव मेमोरियल एकेडेमिक वेलफेयर सोसाइटी द्वारा मथुरा के छाता तहसील के ग्राम अकबरपुर में 50.54 एकड़ भूमि पर प्रस्ताव दिया गया है। इसी प्रकार बोधिसत्व विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए बोधिसत्व चैरिटेबल ट्रस्ट, लखनऊ द्वारा बाराबंकी के ग्राम गदिया, तहसील नवाबगंज में 25.31 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है। दोनों विश्वविद्यालयों को आशय-पत्र पहले ही निर्गत किए जा चुके हैं।
हर घर तिरंगा अभियान के लिए धनराशि मंजूर
स्वतंत्रता दिवस 2025 के अवसर पर हर घर तिरंगा कार्यक्रम के लिए राज्य वित्त आयोग की धनराशि से आवश्यक धनराशि की व्यवस्था करने का प्रस्ताव भी पास हुआ है। प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 1.5 क्यूसेक क्षमता के 1750 असफल राजकीय नलकूपों के पुनःनिर्माण की परियोजना (नाबार्ड पोषित) लागत रु. 56120.69 लाख (जी.एस.टी. सहित) के व्यय प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। तीन महिला बटालियन (बदायूं, लखनऊ एवं गोरखपुर) के सापेक्ष एक महिला बटालियन (वीरांगना अवंतीबाई महिला वाहिनी) जनपद बदायूं के लिए 82 नए वाहन खरीदने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली है।
केजीएमयू के अधिनियम में संशोधन को मंजूरी
किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) की कार्य परिषद में अब अनुसूचित-जनजाति और पिछड़ा वर्ग से भी एक-एक वरिष्ठ आचार्य शामिल होंगे। केजीएमयू उत्तर प्रदेश अधिनियम-2002 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है। राज्य सरकार केजीएमयू के कुलपति से परामर्श के आधार पर रोटेशन से अनुसूचित जाति के वरिष्ठतम प्रोफेसर और अन्य पिछड़ा वर्ग से वरिष्ठतम प्रोफेसर को नामित करेगी।
सांसद-विधायक निधि से एडेड स्कूलों को अग्रिम राशि की अनुमति
एडेड माध्यमिक विद्यालयों के जीर्णोद्धार, मरम्मत, पुर्ननिर्माण एवं नवनिर्माण आदि के लिए सांसद व विधायक अपनी निधि से अग्रिम राशि जारी कर सकेंगे। अब तक नियम यह था कि सरकार एडेड स्कूलों को विद्यालय भवनों के जीर्णोद्धार, मरम्मत, पुर्ननिर्माण एवं नवनिर्माण आदि पर होने वाले कुल खर्च का 75 प्रतिशत राशि प्रदान करती थी तथा शेष 25 प्रतिशत राशि विद्यालय को अपने पास से देना पड़ता था।
उच्च शिक्षा विभाग से संबंधित चार प्रस्ताव
उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 के अन्तर्गत जनपद-मुजफ्फरनगर में वेदान्ता विश्वविद्यालय, मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश की स्थापना का प्रस्ताव। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में निजी क्षेत्र के अन्तर्गत केडी विश्वविद्यालय मथुरा की स्थापना को मंजूरी। उत्तर प्रदेश में निजी क्षेत्र के अन्तर्गत बोधिसत्व विश्वविद्यालय, बाराबंकी की स्थापना का प्रस्ताव। भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी विवनिंग उत्तर प्रदेश राज्य सरकार छात्रवृत्ति योजना को संचालित करने को लेकर प्रस्ताव।
होर्डिंग व प्रचार-प्रसार के लिए 15 साल का होगा ठेका
राज्य सरकार शहरों में आकाश चिह्न और विज्ञापन लगाने का लाइसेंस अब दो की जगह 15 साल के लिए देगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम-1959 को संशोधित करते हुए धारा-305 में व्यवस्था की गई है। नगर विकास विभाग द्वारा इसके लिए तर्क दिया गया है कि वर्तमान में नगरीय जनसंख्या एवं क्षेत्रफल के साथ सीमा विस्तार लगातार किया जा रहा है। नगर निगमों के सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण दायित्च के पूरी तरह से निवर्हन करने के लिए निकायों को पैसे की जरूरत होती है। इसीलिए दो साल के स्थान पर 15 साल के लिए होर्डिंग और प्रचार-प्रसार का ठेका दिया जाएगा।
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