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लखनऊ विश्वविद्यालय में योग पर सेमिनार Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। लखनऊ विश्वविद्यालय के योग विभाग, फैकल्टी ऑफ योग एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन के तत्वाधान में 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में योग सभागार में महिला स्वास्थ्य एवं योग विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ. शिखा गुप्ता ने कहा कि महिलाओं पर पारिवारिक जिम्मेदारियां अधिक होती हैं, इसलिए उनका स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि गर्भाशय संबंधी बीमारियों में भुजंगासन, धनुरासन, सेतुबंध आसन, मलासन तथा प्राणायाम में अनुलोम-विलोम, भ्रामरी और कपालभाति अत्यंत लाभकारी होते हैं।
गर्भवती महिलाओं को होगा लाभ
संकाय के कोऑर्डिनेटर डॉ. अमरजीत यादव ने कहा कि नौकासन से महिलाओं की चर्बी कम होती है और पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है। वहीं, शलभ आसन मासिक धर्म की अनियमितता को दूर करने में मदद करता है। गर्भवती महिलाओं के लिए उन्होंने योग की विभिन्न अवस्थाओं में उपयुक्त आसनों और प्राणायाम की जानकारी दी। प्रथम तीन महीनों में जानु शीर्षासन और मर्जरी आसन, बीच के तीन महीनों में सेतुबंध आसन, सप्त बंधासन और तितली आसन, जबकि अंतिम तीन महीनों में नाड़ी शोधन, भ्रामरी, शीतली व शीतकारी प्राणायाम लाभकारी बताए। उन्होंने कहा कि ध्यान के अभ्यास से गर्भवती महिलाओं को मानसिक शांति मिलती है और तनाव दूर होता है।
योग को बनाएं जीवनशैली का हिस्सा
इस अवसर पर फैकल्टी के शिक्षक डॉ. रामनरेश, डॉ. रामकिशोर तथा विभाग के छात्र-छात्राएं भी उपस्थित रहे। सेमिनार का उद्देश्य महिलाओं के संपूर्ण स्वास्थ्य में योग की उपयोगिता को समझाना और उसे जीवनशैली का हिस्सा बनाना था।
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