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Crime Story:राजधानी में महिला हत्याओं का सिलसिला जारी, पुलिस की लापरवाही पर उठ रहे सवाल, तीन शवों की अभी तक नहीं हो सकी शिनाख्त

जानकीपुरम में महिला की बर्बर हत्या, तीन दिन बीत जाने के बाद भी पहचान और आरोपी का पता नहीं। राजधानी में महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े, पुलिस की कार्रवाई पर उठ रहे बड़े सवाल।

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Shishir Patel
Lucknow Murder

महिलाओं की हत्या करने का क्रम लखनऊ में जारी।

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी के जानकीपुरम इलाके में एक 30 वर्ष के आसपास महिला की बर्बर हत्या का मामला सामने आया है, जिसने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। तीन दिन बीत जाने के बावजूद महिला की पहचान नहीं हो सकी है और हत्या करने वाले अपराधियों तक पुलिस की पहुंच नहीं हो पाई है।

जानकीपुरम में चादर में लिपटा महिला का मिला था शव 

घटना की जानकारी शुक्रवार सुबह मिली, जब अजनहर कला से गोहना कला जाने वाले मार्ग पर ग्रामीणों ने सफेद चादर में लिपटा शव देखा। शव के पास गद्दा और रजाई पड़ी थी। चेहरे पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर पहचान छिपाने की कोशिश की गई थी। इंस्पेक्टर जानकीपुरम विनोद कुमार तिवारी ने बताया कि महिला की हत्या का तरीका गला दबाने जैसा प्रतीत हो रहा है। डीसीपी नॉर्थ गोपाल चौधरी ने कहा कि आशंका है हत्या कहीं और हुई और शव जानबूझकर इस मार्ग पर फेंका गया।

तीन दिन बीत जाने के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली

पुलिस ने आसपास के लोगों की मदद से पहचान कराने का प्रयास किया, लेकिन तीन दिन बीत जाने के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली। घटनास्थल पर कोई सीसीटीवी कैमरा मौजूद नहीं था, जिससे अपराधियों की पहचान में और बाधा आई है। पुलिस अब आसपास के मार्गों पर लगे कैमरों की फुटेज खंगाल रही है।

राजधानी में तीसरी यह रहस्यमय हत्या 

विशेष रूप से चिंता की बात यह है कि राजधानी में यह तीसरी रहस्यमय हत्या मात्र 23 दिनों में है। 15 अक्टूबर को पारा के विक्रम नगर फ्लाईओवर के पास एक युवक का शव लाल रंग के बोरे में नग्न अवस्था में पाया गया, जिसकी पहचान अब तक नहीं हो पाई। इसके अलावा, 1 नवंबर को निगोहां के गौतमखेड़ा गांव के पास बांक नाले में एक महिला का शव बोरे में भरा मिला, जिसकी पहचान भी पुलिस नहीं कर सकी।

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इन घटनाओं को देखते हुए महिला सुरक्षा पर बड़ा सवाल 

इस सिलसिलेवार घटनाओं से राजधानी में महिला सुरक्षा पर बड़ा सवाल उठ गया है। जानकीपुरम में हुई इस बर्बर हत्या ने यह साफ कर दिया है कि महिलाएं भी अब सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षित नहीं हैं। तीन दिन बीत जाने के बावजूद पहचान न हो पाना और आरोपी तक पुलिस का न पहुंच पाना प्रशासन की सतर्कता और प्राथमिक जांच की कमी को उजागर करता है।स्थानीय लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि अजनहर कला से गोहना कला जाने वाले मार्ग को ही शव फेंकने के लिए क्यों चुना गया। क्या आरोपी इसी इलाके के हैं या महिला का कोई संबंध यहां से था? इन सवालों के जवाब न मिलने से अपराधियों को बढ़ावा मिलने का खतरा है।

आसपास के जनपदों से लापता महिलाओं की मांगी गई रिपोर्ट 

तीन दिन बीत जाने के बावजूद किसी ठोस कार्रवाई का न होना राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़ा करता है। पुलिस ने शव की फोटो अन्य थानों और आसपास के जनपदों को भेजी है और डीसीआरबी से लापता महिलाओं की रिपोर्ट भी मांगी गई है।यह घटना न केवल जनता में डर और असुरक्षा पैदा कर रही है, बल्कि यह संकेत भी है कि लखनऊ पुलिस को गंभीर मामलों में अपनी सक्रियता और जांच प्रक्रिया में सुधार की जरूरत है।

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