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धर्मांतरण के आरोपी।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता ।यूपी के आगरा में अवैध धर्मांतरण के नाम पर सामने आया आपराधिक गिरोह अब कहीं ज्यादा खतरनाक रूप में उभरकर सामने आ रहा है। पुलिस जांच में यह खुलासा हुआ है कि गिरोह के सरगना और सदस्यों के तार मानव तस्करी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंगों की अवैध बिक्री से भी जुड़े हुए हैं। पुलिस को शक है कि यह गिरोह कमजोर तबके खासकर मजदूर वर्ग की महिलाओं और लड़कियों को पहले धर्मांतरण के बहाने फंसाता, फिर उन्हें विदेश भेजने का झांसा देकर तस्करी और अन्य अपराधों में धकेलता था।यह गंभीर खुलासा तब हुआ जब मार्च में आगरा के सदर क्षेत्र से लापता हुई कारोबारी की दो बेटियां 18 जुलाई को कोलकाता के तपसिया इलाके में मिलीं। इसके अगले ही दिन, 6 राज्यों से 10 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। कुछ ही दिनों बाद इस गिरोह का मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान और उसके दो बेटे भी दिल्ली से दबोचे गए।
11 आरोपियों से पूछताछ में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए
पुलिस रिमांड के दौरान 11 आरोपियों से पूछताछ में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।आगरा के पुलिस आयुक्त दीपक कुमार के अनुसार, प्रारंभ में गिरोह केवल धर्मांतरण कराने तक सीमित प्रतीत हो रहा था, लेकिन जैसे-जैसे पूछताछ आगे बढ़ी, गिरोह के मानव अंगों की तस्करी और अंतरराष्ट्रीय रैकेट से जुड़ाव के संकेत मिले। पुलिस ने बताया कि विशेष रूप से लड़कियों को धर्म परिवर्तन के बाद विदेश भेजने की तैयारी की जाती थी, और इस प्रक्रिया में कई पीड़ित तस्करी का शिकार हुए।हालांकि अभी तक कोई पीड़ित आगे आकर अंग बिक्री की पुष्टि नहीं कर सका है, लेकिन पुलिस सूत्रों के अनुसार कुछ गिरफ्तार आरोपियों ने रैकेट की इस परत की पुष्टि की है।
अब आगे की तफ्तीश के लिए पुलिस सीबीआई की लेगी मदद
पूरे रैकेट की कमान कथित रूप से मध्य प्रदेश निवासी सैयद दाऊद के हाथ में थी, जो कनाडा से संचालन कर रहा था। उस पर गैर-जमानती वारंट जारी किया जा चुका है और अब सीबीआई से मदद लेकर उसकी गिरफ्तारी की तैयारी की जा रही है।पुलिस आयुक्त के अनुसार अब तक की जांच में गिरोह द्वारा 1000 से अधिक लोगों का धर्मांतरण कराने की बात सामने आई है। जिन लोगों ने स्वेच्छा से धर्म बदला, वे सामने नहीं आ रहे हैं, लेकिन जिनके माता-पिता या खुद पीड़ित हैं, उन्हें गवाह बनाया जाएगा।चौंकाने वाली बात यह है कि मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान की कॉल डिटेल में 6 पाकिस्तानी नंबर भी मिले हैं। इस संबंध में खुफिया एजेंसियों से सहयोग लेकर संपर्कों की पुष्टि की जा रही है।
इस गिरोह से जुड़े जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया
रहमान कुरैशी, अब्बू तालिब, आयशा उर्फ एसबी कृष्णा, अली हसन उर्फ शेखर, ओसामा, अबुर रहमान, मोहम्मद रहमान, मोहम्मद अली, जुनैद कुरैशी, मुस्तफा, मोहम्मद इब्राहिम, अब्दुल रहमान और उसके दो बेटे।इनमें से 11 आरोपियों की जमानत याचिका पर सीजेएम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें अभियोजन पक्ष ने याचिकाओं के सत्यापन की मांग की है।