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निकांत जैन को बड़ी राहत
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। लखनऊ में सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट को मंजूरी दिलाने के नाम पर रिश्वत लेने के आरोप में फंसे इंवेस्ट यूपी के निलंबित सीईओ अभिषेक प्रकाश के करीबी निकांत जैन को बड़ी राहत मिली है। भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के चार अलग-अलग मामलों में आरोपी को अदालत से जमानत मिल चुकी है, जिसके बाद वह जेल से रिहा हो गया।निकांत के खिलाफ गोमतीनगर थाने में आईएएस अधिकारी के लिए कमीशन लेने का मामला दर्ज था, जिसमें पहले ही उसे जमानत मिल गई थी।
गुरुवार को निकांत के कई करीबियों पर की गई थी छापेमारी
वजीरगंज थाने में दो और हजरतगंज थाने में दर्ज एक-एक केस में भी अदालत ने राहत दे दी। इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को निकांत और उसके करीबियों के कई ठिकानों पर छापेमारी की।मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल इसलिए उठे क्योंकि निकांत के जेल में बंद रहने के दौरान समय से कस्टडी रिमांड की अर्जी दाखिल नहीं की गई। भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश ने देरी को आधार बनाते हुए अर्जी खारिज कर दी। कोर्ट ने साफ कहा कि जिन मामलों में अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है, उनमें पुलिस को गिरफ्तारी के 40 दिन के भीतर कस्टडी रिमांड के लिए आवेदन करना चाहिए। लेकिन विवेचक एसीपी विनय कुमार द्विवेदी ने यह अर्जी करीब 44 दिन बाद दाखिल की।
23 मार्च को गोमतीनगर केस में निकांत को भेजा गया था जेल
एसटीएफ ने 23 मार्च को गोमतीनगर केस में निकांत को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। 31 मई को उसे इस केस में जमानत मिली। इसी बीच वजीरगंज में दर्ज एफआईआर में 27 मई को जेल में वारंट भेजा गया और 22 जुलाई को एसीजीएम कोर्ट से जमानत मिल गई। हजरतगंज केस में भी 9 जून को वारंट भेजा गया और 24 जुलाई को सीजेएम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद निकांत जेल से बाहर आ गया।आरोप है कि सौर ऊर्जा उपकरण निर्माण इकाई लगाने के लिए निकांत ने कंपनी संचालक विश्वजीत दत्ता से एक करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी। दत्ता की तहरीर पर गोमतीनगर थाने में केस दर्ज हुआ था, जिसकी जांच एसआईटी ने की और करीब 1600 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई।
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