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कांवड़ यात्रा को लेकर तैयारी शुरू ।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी में आगामी कांवड़ यात्रा का सकुशल सम्पन्न कराने को लिए पुलिस व प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है। ताकि कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।चूंकि श्रावण मास के पवित्र अवसर पर हर साल लाखों कांवड़िए हरिद्वार से जल भरकर यूपी के विभिन्न जिलों से होते हुए शिवालयों तक पहुंचते हैं। इस साल यात्रा के सुचारु संचालन और सुरक्षा के लिए प्रशासन ने विशेष सुरक्षा प्लान और ट्रैफिक डायवर्जन की व्यवस्था लागू कर दी है। साथ ही कांवड़ यात्रा के दौरान ड्रोन से निगरानी की जाएगी।
बिजनौर से शुरू होगा यूपी में प्रवेश
जानकारी के लिए बता दें कि हर साल हरिद्वार से जल लेकर आने वाले कांवड़ियों का उत्तर प्रदेश में पहला प्रवेश बिंदु बिजनौर जिला से होता है। हर साल यहां से लाखों श्रद्धालु यूपी में दाखिल होते हैं, जिससे सुरक्षा और व्यवस्था की दृष्टि से यह क्षेत्र संवेदनशील माना गया है। इसीलिए पुलिस मुख्यालय से यहां के कप्तान को विशेष निर्देश जारी किया गया है। इसी क्रम में भीड़ से निपटने के लिए अलग से पुलिस द्वारा इंतजाम किया जा रहा है। कांवरियों के मार्ग में भारी वाहन न आ जा सके। इसके लिए अलग से प्लान तैयार किया गया है। साथ ही कांवड़ यात्रा की निगरानी के लिए हेल्प डेस्क और निगरानी टीम का गठन किया जा रहा है।
पश्चिम के प्रमुख धार्मिक स्थल बनेंगे फोकस पॉइंट
पुलिस के मुताबिक मेरठ का प्रसिद्ध औघड़नाथ मंदिर, गाजियाबाद का दूधेश्वरनाथ मंदिर और अन्य शिवालय इस यात्रा में प्रमुख पड़ाव होते हैं। इन स्थलों पर पूरे सावन माह में बड़ी संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक करने पहुंचते हैं, इसलिए यहां अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती, सीसीटीवी निगरानी, स्वास्थ्य शिविर और जलपान केंद्र बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा कांवड़ यात्रा के प्रमुख मार्ग मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद और बुलंदशहर जिलों से होकर गुजरते हैं। इन मार्गों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए संबंधित जिला प्रशासन ने यातायात, स्वास्थ्य सेवाओं और शिविरों की विशेष व्यवस्था की है। गाजियाबाद ने कांवड़ यात्रा के लिए बकायदा यातायात प्लान भी जारी कर दिया है।
कांवड़ यात्रा में खाद्य गुणवत्ता पर होगी सख्त निगरानी
कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को परोसे जाने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता अब विशेष निगरानी में रहेगी। यात्रा मार्गों पर स्थित दुकानों के साथ-साथ स्वयंसेवी संगठनों एवं धार्मिक संस्थाओं द्वारा लगाए जा रहे भंडारों पर भी खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) की नजर रहेगी। खराब गुणवत्ता पाए जाने पर संबंधित स्टॉल या पंडाल को तत्काल हटवा दिया जाएगा।आयुक्त राजेश कुमार द्वारा सभी सहायक आयुक्तों और खाद्य सुरक्षा निरीक्षकों को निर्देश जारी किए गए हैं कि कांवड़ यात्रा के दौरान हर दिन खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए जाएं और उनकी रिपोर्ट प्रदेश मुख्यालय को भेजी जाए।
श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा
विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक सामाजिक या धार्मिक संगठनों के भंडारों में वितरित की जा रही खाद्य सामग्री की जांच अनिवार्य होगी। अगर कोई खाद्य पदार्थ मानकों पर खरा नहीं उतरता है, तो संबंधित पंडाल को तुरंत हटाया जाएगा।व्यवसायिक उद्देश्य से लगाए गए खाद्य स्टॉल्स का भी भौतिक सत्यापन किया जाएगा। अनियमितता पाए जाने पर खाद्य सामग्री नष्ट करवाई जाएगी और स्टॉल को हटाने की कार्रवाई की जाएगी।एफएसडीए ने साफ किया है कि कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।
कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से शुरू, बंद रहेगी मांस व अंडे की दुकानें
हर साल सावन मास में शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा इस बार 11 जुलाई से शुरू होगी। इसमें भक्त गंगाजल लाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। इसी को देखते हुए आयुक्त ने निर्देश दिया है कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर कहीं भी मांस व अंडा की दुकानें नहीं खुलेंगी। यदि किसी भी स्थान पर दुकान खुलने की शिकायत सही पाई गई तो संबंधित इलाके के निरीक्षक के खिलाफ कार्रवाई होगी। साथ ही यह भी कहा गया कि कांवड़ यात्रा वाले मार्ग में ऐसी कोई दुकान न मिले जहां पर बाहर कुछ और लिखा हो और अंदर कुछ और मिलता हो।
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