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अनुराग का शव पहुंचते ही मचा कोहराम ।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी के इंदिरा नगर सेक्टर-12 में एक हंसता-खेलता परिवार शनिवार की सुबह गमो में डूब गया। जिस घर में हंसी की आवाज आती थी वहां चींखे थी और मातम था। जैसे ही 33 वर्षीय अनुराग तिवारी का शव जैसे ही उनके पैतृक घर पहुंचा, हर आंख नम हो उठी। मां की चीखें, पिता की खामोशी और छोटे भाई की चुप्पी टूटी तो कोहराम मच गया। पड़ोसी, रिश्तेदार और दोस्त उन्हें दिलासा देने की कोशिश करते रहे, लेकिन जो चला गया, वो वापस नहीं आ सकता था। इस दौरान वहां पर मौजूद लोगों की आंखे मां और पत्नी का रूदन सुनकर लोगों का कांप उठा कलेजा।
अनुराग मर्चेट नेवी में थर्ड इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे
जानकारी के लिए बता दें कि अनुराग तिवारी, जो मर्चेंट नेवी में थर्ड इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे। वे सिनर्जी एरेबिसा सी-शिपिंग कंपनी के साथ जुड़कर एक नई शिप की शुरुआत के लिए 19 जून को दुबई रवाना हुए थे। 28 जून तक वह एक होटल में रुके और फिर शारजाह पोर्ट पर शिप में शामिल हुए। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। यहीं पर अचानक उनकी मौत हो गई।अभी तक मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है, लेकिन जो निश्चित है वो यह कि तिवारी परिवार की रीढ़ टूट गई है।
मां बार-बार यही कह रही , मेरा अनुरा वापस आ जाएगा ना?
अनुराग के पिता अनिल तिवारी, जो लेसा के चीफ इंजीनियर पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, बेटे की तस्वीर को एकटक निहारते रहे। वहीं मां दीपा तिवारी बेसुध पड़ी रहीं, बार-बार यही कहती रहीं, "मेरा अनुराग वापस आ जाएगा ना?"। जैसे ही अनुराग का शव घर पहुंचा तो कोहराम मच गया। मां दहाड़े मार मारकर रोने लगी। परिवार वालों को रोना देखकर वहां पर मौजूद लाेग भी अपने आंसू नहीं रोक सके। इसके बाद जब शव को अंतिम संस्कार के लिए लेकर चलने लगे तो अनुराग का छोटा भाई मयंक तिवारी, जो पेशे से वकील है, जैसे अपने आंसुओं रोक नहीं पाए।
अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में उमड़े लोग
जब शनिवार को भैंसाकुंड श्मशान घाट पर अनुराग की अंतिम यात्रा निकली तो क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। मोहल्ले के बुजुर्गों ने कहा कि अनुराग बेहद मिलनसार, समझदार और होनहार था। उसे देखकर कभी नहीं लगा था कि यह मुस्कुराता चेहरा इतने दर्दनाक अंत की तरफ बढ़ रहा है। पूरे रीति रिवाजा से भैंसाकुंड पर अनुराम का अंतिम संस्कार किया गया। भैंसाकुंड में भी अंतिम संस्कार के बाद भी पिता और भाई के आंसू थम नहीं रहे थे। अपने बेटे को याद कर करके उनका बुरा हाल रहा। लोग किसी तरह से उन्हें गाड़ी पर बैठाकर घर के लिए रवाना हुए।
अनुराग ने पिता को किया था वीडियो काल
अनुराग की पत्नी भव्या तिवारी एचडीएफसी बैंक गोमतीनगर शाखा में सीनियर मैनेजर हैं। भव्या तिवारी को जैसी ही अनुराग के मौत की सूचना मिली वह बेसुध हो गई। परिजनों पर मुंह में पानी डालकर होश में लाया। दिव्या की शादी 20 जून 2021 को अनुराग के साथ हुई थी। अभी सालगिरह पर उसकी फोन पर बात हुई थी। तब अनुराग बोला जल्द ही लौटूंगा लेकिन लौटकर आने को कौन कहे हमेशा हमेशा के लिए चले गए। अनुराग की अंतिम बात 27 जून की रात वीडियो काल से बात पिता अनिल तिवारी से हुई थी। अनिल तिवारी ने बताया कि बेटा बोला था कि पापा अब शिप पर रहूंगा। 29 जून की सुबह मैने व्हाटसप पर बस बेस्ट आॅफ लक लिखा। सुबह फोन किया लेकिन नहीं उठा और रात में साढ़े नौ बजे के आसपास कंपनी की ओर से बताया गया कि अनुराग शिप में बेहोश मिला। उसे सीपीआर दी गई लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। यह सुनकर उनके होश उड़ गए और रोने लगे। इसके बार परिवार वालों को पता चला।
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